वाशिंग्टन: विश्व के दो ताकतवर देशों अमेरिका और चीन के बीच तनाव गहराता जा रहा है. दोनों देशों के बीच व्यापारिक वार्ता विफल होने के बाद अब अमेरिका ने चीन के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है. अमेरिका के इस कदम का असर भारत सहित विश्व के अन्य देशों पर भी पड़ने की आशंका है. दरअसल, यूएस ने चीन को आधिकारिक तौर पर मुद्रा यानी करेंसी के साथ छेड़छाड़ करने वाला देश (करेंसी मैनिपुलेटर) घोषित किया है. अमेरिका का आरोप है कि चीन व्यापारिक फायदे के लिए अपनी करेंसी ''युआन'' का उपयोग करता है.
अमेरिकी वित्त विभाग की तरफ से जारी किए गए बयान में बताया गया है कि वित्त मंत्री स्टीवन न्यूचिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर चीन को करेंसी के साथ छेड़छाड़ करने वाला देश घोषित कर दिया है. उल्लेखनीय है कि लगभग 25 साल में यह पहली दफा है जब चीन की मुद्रा पर अमेरिका की तरफ से इस तरह की कार्रवाई की गई है. इससे पहले 1994 में भी अमेरिका ने चीन पर इस किस्म की कार्रवाई की थी.
अमेरिका ने चीन की तरफ से अपनी करेंसी युआन को डॉलर के मुकाबले 7 के स्तर से नीचे रखने की इजाजत देने के बाद यह कदम उठाया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शुरू से चीन पर एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए अपनी मुद्रा का अवमूल्यन करने का आरोप लगाते रहे हैं. आपको बता दें कि कोई देश किसी दूसरे देश की मुद्रा के मुकाबले अपनी मुद्रा की कीमत घटाता है तो उसे अवमूल्यन कहा जाता है. करेंसी में अवमूल्यन के कारण दूसरे देशों की अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचता है.
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