जब आसमान से बरसी मौत में, 30 लाख लोग बने थे शिकार

जब आसमान से बरसी मौत में, 30 लाख लोग बने थे शिकार
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यह सभी जानते हैं कि अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है. दोनों देश एक-दूसरे को नाभिकीय युद्ध की धमकी भी देते रहते हैं. अमेरिका से दुश्मनी रखने वाला उत्तर कोरिया 1950 की उस जंग को नहीं भूल पाया हैं. जिसमे 30 लाख लोग शिकार बने थे. हजारों गाँव और शहर बर्बाद हो गए थे. यही कारण हैं कि यह दुश्मनी अब इतने चरम पर पहुँच गई हैं कि यह धीरे-धीरे दुनिया तीसरे विश्व युद्ध की ओर बढ़ती नजर आ रही हैं.

उल्लेखनीय है कि 1950 में उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच हुई जंग दरअसल अमेरिका और रूस की जंग ही थी जिसमे अमेरिका ने दक्षिण कोरिया का और. रूस ने उत्तर कोरिया का समर्थन किया था. तीन साल तक चली इस जंग में दोनों देशों को नुकसान हुआ था.अमेरिका ने उत्तर कोरिया पर लाखों नापलाम बम गिराए थे. जिससे नॉर्थ कोरिया के 5000 स्कूल. 1000 हॉस्पिटल और छह लाख घर तबाह हो गए और 30 लाख लोगों की मौत हो गई थी.

बता दें कि इस जंग में  उत्तर कोरिया को चीन और खासतौर से रूस का पूरा समर्थन था. सैन्य साजो-सामान रूस और चीन से पहुंच रहा था. इस आपूर्ति को बंद करने के लिए तत्कालीन जनरल डगलस मैकअर्थर ने एयरफोर्स को ताबड़तोड़ लापलाम बम गिराने का आदेश दिया. इस बम में ऐसा घातक ज्वलनशील केमिकल भरा था जिससे बम फटने के बाद आग का गुबार दूर-दूर तक के इलाके को अपनी चपेट में ले लेता था. नॉर्थ कोरिया पर 6, 35, 000 नापलाम बम गिराए गए जिससे जान-माल की बहुत हानि हुई थी.इसमें अमेरिका के करीब 33 हजार सैनिक मारे गए थे.

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