अमेरिका में 3 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में विदेशी दखल के बढ़ते खतरे के मध्य फेसबुक और ट्विटर दुष्प्रचार रोकने की कवायद में जुट गए हैं. इन दोनों सोशल मीडिया प्लेटफार्म ने कई उपायों की घोषणा की है.
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गुरुवार को फेसबुक ने ऐसे केंद्रों की घोषणा की है, जिनसे अमेरिकी मतदाता चुनाव के बारे में आसानी से सटीक सूचना हासिल कर सकेंगे. जबकि ट्विटर ने मेल के माध्यम से मतदान के बारे में झूठी न्यूज के प्रसार पर अंकुश लगाने के लिए अपने नियमों को और सख्त कर दिया है. वही, इन कदमों का एलान ऐसे समय किया गया है, जब इन सोशल मीडिया प्लेटफार्म की इस बात को लेकर आलोचना हो रही है कि झूठी न्यूज को रोकने में इनका रवैया ढीला है. इन पर साल 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में झूठी खबरों के प्रसार का जरिए बनने का आरोप लगा था.
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ट्विटर की वाइस प्रेसिडेंट जेसिका हरेरा फ्लेनिगन ने बताया कि 'हम नई नीतियों के साथ हर वोटर को सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.' इस बीच फेसबुक ने वोटिंग इंफार्मेशन सेंटर की प्रारंभ की. इस सोशल मीडिया प्लेटफार्म की वाइस प्रेसिडेंट नाओमि ग्लाइट ने कहा, 'वोटिंग इंफार्मेशन सेंटर फेसबुक और इंस्टाग्राम पर उपलब्ध होगा. यह बेहद महत्वपूर्ण है कि हम अपने चुनावों की पवित्रता को बनाए रखने में मदद कर रहे हैं.'वहीं, दूसरी ओर जुलाई के अंतिम सप्ताह के दौरान शीर्ष रिपब्लिकन सांसदों ने चुनाव में चीनी सोशल मीडिया एप टिकटॉप की भूमिका को लेकर चिंता जताई थी. उन्होंने यह आशंका व्यक्त की थी कि चीन इस एप के उपयोग से चुनाव को प्रभावित कर सकता है. हाल ही में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने भी चेतावनी जारी की थी, कि चुनाव में चीन, रूस और ईरान हस्तक्षेप कर सकते है.
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