न्यूयॉर्क: एक दंपत्ति ने फर्टिलिटी क्लिनिक पर अकल्पनीय दुर्घटना के लिए मामला दर्ज कराया है और हर्जाने की मांग की है. असल में फर्टिलिटी क्लिनिक की सहायता से गर्भवती हुई महिला ने जिन जुड़वां बच्चों को जन्म दिया है, वे उनके थे ही नहीं. जुड़वां बच्चों के जन्म के बाद उनके बायोलॉजिकल पैरेंट्स ने बच्चों पर दावा कर दिया और महिला को उन्हें बच्चे सौंपना पड़ा.
ये मामला अमेरिका के लॉस एंजिलिस के सीएचए फर्टिलिटी सेंटर से सामने आया है. 2012 में शादी करने वाले एशियाई कपल को जब काफी समय तक बच्चा नहीं हुआ, तो उन्होंने फर्टिलिटी सेंटर से संपर्क किया. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, क्लिनिक हजारों कपल के बच्चा पैदा करने में सहायता का दावा करता है. फर्टिलिटी क्लिनिक में महीनों के ट्रीटमेंट पर कपल को लगभग 68 लाख रुपये का खर्च आया. सिंतबर में महिला गर्भवती होने में कामयाब रही थी. क्लिनिक ने बताया कि प्रेग्नेंसी के लिए फीमेल एम्ब्रिओ का उपयोग किया गया है.
हालांकि, सोनोग्राम टेस्ट में पता चला है कि महिला के गर्भ में 2 लड़के हैं. टेस्ट देखकर कपल हैरान रह गए. हालांकि, क्लिनिक की तरफ से उन्हें विश्वास दिलाया गया कि सोनोग्राफ टेस्ट पूरी तरह सही नहीं है. किन्तु इसी वर्ष मार्च में महिला ने जुड़वां लड़कों को जन्म दिया. इसके बाद बच्चों को उनके बायोलॉजिकल पैरेंट्स क हवाले करना पड़ा. दोनों बच्चे गैर एशियाई नस्ल के थे और जांच में पता चला कि दोनों एक पैरेंट्स के भी नहीं थे. कपल ने मामले में कई तरह के नुकसान के लिए हर्जाने की मांग की है.
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