मंगलवार से स्विट्जरलैंड में शुरू हुए वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग फिर आमने-सामने आ गए. दावोस में आयोजित इस सम्मेलन में 17 साल की ग्रेटा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए सिर्फ पेड़ लगाना पर्याप्त नहीं है. उनके निशाने पर सीधे तौर पर ट्रंप का भाषण था, जिसमें उन्होंने एक लाख करोड़ पेड़ लगाने की बात कही थी. साथ ही जलवायु परिवर्तन पर की जा रही भविष्यवाणियों को खारिज किया था.
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इस मामले को लेकर ट्रंप ने हालांकि किसी का नाम नहीं लिया था, लेकिन उस दौरान दर्शक दीर्घा में ग्रेटा भी मौजूद थीं. डब्ल्यूईएफ में अपने मुख्य भाषण में ट्रंप ने जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ताओं को मूर्ख ज्योतिषियों का उत्तराधिकारी भी करार दिया. जबकि थनबर्ग ने अपने भाषण में एक साल पहले डब्ल्यूईएफ में दिए गए भाषण की टिप्पणियों को दोहराया. उन्होंने कहा, हमारे घरों में आग लगी हुई है और आपकी निष्कि्रयता आग की लपटों को हवा दे रही है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि उन्होंने जीवाश्म ईधन के निवेश पर तत्काल रोक लगाने की भी मांग की.विश्व के नेताओं द्वारा जलवायु परिवर्तन के हित में काम करने के वादों पर सवाल उठाते हुए ग्रेटा ने कहा, आप कहते हैं कि बच्चों को चिंता नहीं करनी चाहिए. इतना निराशावादी मत बनिए. इससे पहले पिछले साल भी वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मंच पर ही दोनों आमने-सामने आ गए थे.तब ग्रेटा थनबर्ग की डोनाल्ड ट्रंप को घूरते हुए तस्वीर सामने आई थी.
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