दुनिया में अपनी सैन्य ताकत के लिए जाने जाना वाला अमेरिका की वायु सेना में भारतीय अमेरिकी जॉन वपुतूर चारी उन 11 नए नासा ग्रेजुएट में शामिल हैं जिन्होंने बेसिक अंतरिक्षयात्री की दो सालों से अधिक की ट्रेनिंग सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. इसके साथ ही सभी अंतरिक्ष एजेंसी के भविष्य के मिशन मून और मार्स के लिए चुन लिए गए हैं. नासा के आर्तेमिस (Artemis) प्रोग्राम के ऐलान के बाद 2017 में 18000 उम्मीदवारों में से 11 एस्ट्रोनॉट का चयन किया गया जिसमें एक भारतीय मूल के राजा जॉन वपुतूर चारी भी हैं.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि 2017 एस्ट्रोनॉट उम्मीदवार क्लास के लिए 41 वर्षीय चारी का चुनाव नासा ने 2017 में किया था. 2017 के अगस्त में उन्होंने ड्यूटी के लिए रिपोर्ट किया और मिशन असाइनमेंट के लिए आरंभिक एस्ट्रोनॉट कैंडिडेट की ट्रेनिंग को पूरा कर लिया है. शुक्रवार को एक समारोह में प्रत्येक नए एस्ट्रोनॉट को सिल्वर पिन प्रदान किया गया. यह एक परंपरा है जो काफी पहले वर्ष 1959 में Mercury 7 के लिए एस्ट्रोनॉट के चुनाव के समय से चली आ रही है.
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अपने बयान में ह्यूस्टन में एजेंसी के जॉनसन स्पेस सेंटर नासा एडमिनिस्ट्रेटर जिम ब्रिडेनस्टीन ने कहा, ‘2020 अमेरिकी जमीन से अमेरिकी रॉकेट में अमेरिकी अंतरिक्षयात्रियों को भेजा जाएगा और यह साल हमारे आर्तेमिस प्रोग्राम के लिए अहम समय होगा साथ ही चांद व इससे आगे जाने के लिए भी यह वर्ष महत्वपूर्ण होगा.नए ग्रेजुएट्स को ट्रेनिंग में रोबोटिक्स, इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन सिस्टम, स्पेसवॉकिंग के अलावा आवश्यक निर्देश व प्रैक्टिस कराई जाती है. नासा की ओर से 2024 तक पहली महिला और फिर पुरुष को चंद्रमा की सतह पर भेजने का लक्ष्य रखा गया है.
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