वाशिंगटन: अमेरिका में एक बार फिर खालिस्तानियों द्वारा भारतीय वाणिज्य दूतावास (Indian consulate) पर हमला किए जाने का मामला सामने आया है। रिपोर्ट के अनुसार, सैन फ्रांसिस्को में स्थित इंडियन कांसुलेट में खालिस्तान समर्थकों के आग लगा दी है। बता दें कि, विगत 3 महीनों में यह दूसरी दफा है, जब खालिस्तानियों ने सैन फ्रांसिस्को की इस कांसुलेट पर हमला किया है। खालिस्तान समर्थकों ने दावा किया है कि यह कनाडा में फरार खालिस्तान कार्यकर्ता के क़त्ल का बदला है।
#BREAKING: Khalistani radicals set afire at the Indian Consulate in #SanFrancisco, United States on July 2nd. Fire was immediately brought under control. Local law enforcement and FBI are investigating the matter. No arrests made yet. Khalistani radicals have released a video. pic.twitter.com/lQ3esZ1Let
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) July 3, 2023
इससे पहले हुए हमले की जांच भारत की नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) कर रही है। संभावना है कि पिछले हमले में जो लोग शामिल थे, इस हमले (2 जुलाई) में भी उन्हीं की भूमिका हो। ताजा हमले के बाद सैन फ्रांसिस्को, कनाडा और ब्रिटेन समेत अन्य देशों में मौजूद भारतीय संस्थानों को खालिस्तानी प्रदर्शन को लेकर अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। बता दें कि 20 मार्च को हुए हमले की छानबीन NIA कर रही है, सूत्रों के अनुसार, 2 जुलाई को हुए हमले की जांच भी NIA को दी जा सकती है। इससे पहले 20 मार्च को खालिस्तान समर्थकों द्वारा सैन फ्रांसिस्को में स्थित भारत के वाणिज्यिक दूतावास में तोड़फोड़ मचाई गई थी। यहां पहुंचे खालिस्तानी दूतावास के भीतर घुस गए थे और वहां लगे बैरियर को तोड़ डाला था। हमले में शामिल लोग खालिस्तान समर्थित नारे लगा रहे थे। हमलावरों ने दूतावास के बाहर की दीवार पर स्प्रे से बड़े-बड़े अक्षरों में 'फ्री अमृतपाल' भी लिख कर दिया था। बता दें कि, भारत में खालिस्तानी समर्थक संगठन वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह को अरेस्ट किया गया है, जिसके बाद से दुनियाभर में खालिस्तानी उसे रिहा करने की मांग कर रहे हैं।
वहीं, भारत द्वारा इन हमलों पर दी गई तीखी प्रतिक्रिया के बाद अमेरिका ने दूतावास पर हमले की निंदा की थी। अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा था कि अमेरिका भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता है। हम दूतावास में काम करने वाले कर्मचारियों और राजनयिकों को विश्वास दिलाते हैं कि अमेरिका उनकी सुरक्षा के प्रति सचेत है और आगे से सुरक्षा देने का संकल्प लेता है।
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