नई दिल्ली: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से जूझ रही दुनिया के लिए एक खुशखबरी है। अमेरिका की एली लिली कंपनी (Eli Lilly and Company) ने ऐलान किया है कि उसने कोरोना वायरस से ठीक हो चुके एक मरीज के खून के नमूने से दवा बनाई है। इस दवा अब इंसानों पर टेस्ट शुरू हो गया है। अमेरिकी दवा कंपनी ने कहा कि कोरोना मरीज को विश्व की पहली एंटीबॉडी से तैयार दवा का डोज दिया गया है।
इस दवा को ‘LY-CoV555’नाम दिया गया है। इसे लिली और अब सेल्लेरा बायोलॉजी कंपनी ने मिलकर बनाया है। इससे पहले मार्च महीने में लिली कंपनी सेल्लेरा के साथ एंटीबॉडी से कोरोना वायरस के खात्मे के लिए मेडिसिन तैयार करने का अनुबंध किया था। कंपनी ने अपने बयान में कहा कि पहले चरण के शोध में दवा की सेफ्टी और उसे अस्पताल में एडमिट मरीजों के सहन करने की क्षमता का पता लगाया जाएगा।
कंपनी ने कहा कि यदि ट्रायल सफल रहा तो जल्द ही बाजार में उतार दिया जाएगा। कंपनी ने कोरोना से स्वस्थ हो चुके मरीज से ब्लड सेंपल लेने के मात्र तीन महीने के भीतर इस दवा को तैयार किया है। LY-CoV555 पहली ऐसी मेडिसिन है, जिसे कोरोना वायरस के खात्मे के लिए तैयार किया गया है। इस दवा के माध्यम से कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन की संरचना को निष्क्रिय किया जा सकता है। LY-CoV555 दवा से कोरोना वायरस शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं तक नहीं पहुंच सकेगा और ना ही उन्हें नुकसान पहुंचा सकेगा। कंपनी ने बताया कि अमेरिका में कोरोना वायरस से स्वस्थ हुए पहले मरीज के खून के सैंपल से एंटीबॉडी ली गई थी। मरीज को फेफड़ों से संबंधित तकलीफ थी। उसी के आधार पर एंटीबॉडी से दवा को बनाया गया है।
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