लंदन: कुछ समय पहले ही मंगल ग्रह पर पानी के पुराने अवलोकनों के मुकाबले बहुत तेजी से घट रहा है. जंहा एक नए अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है जिसमें एग्जोमार्स मिशन के डाटा का उपयोग किया गया है. वहीं फ्रांस के नेशनल सेंटर फॉर साइंटिफिक रिसर्च (सीएनआरएस) के शोधकर्ताओं ने कहा कि लाल ग्रह यानी मंगल के ऊपरी वातावरण से पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उन्होंने कहा कि सूर्य की रोशनी और रसायन शास्त्र पानी के अणुओं को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के अणु में अलग-अलग कर देते हैं, जिन्हें मंगल ग्रह का कमजोर गुरुत्वाकर्षण अंतरिक्ष में जाने से नहीं रोक सकता है. यह अध्ययन साइंस नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है. जिसके बाद इस बात का पता चला है कि बताया गया है कि मंगल ग्रह के वातावरण से लगभग 80 किलोमीटर की ऊंचाई पर जलवाष्प बड़ी मात्रा में और अप्रत्याशित अनुपात में जमा हो रहा है. अध्ययन बताते हैं कि बड़े वायुमंडलीय पॉकेट्स में सूखे की स्थिति भी बनने लगी है.
वहीं यह भी कहा जा रहा है कि इनके वातावरण में मौजूद पानी वाष्प बनकर उड़ गया है, जबकि सैद्धांतिक रूप इनका तामपान कम होना चाहिए. शोधकर्ताओं ने कहा कि कुछ विशेष इन क्षेत्रों से पानी के वाष्प बनने की प्रक्रिया में काफी तेजी आ सकती है. इस परिणामों को एक्जोमार्स मिशन के ट्रेस गैस ऑर्बिटर उपकरण की मदद से हासिल किया गया था. जबकि इस मिशन को यूरोपियन स्पेस एजेंसी और रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोसकॉस्मोस ने वित्तीय सहायता दी थी.
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