वाशिंगटन: सयुंक्त देश अमेरिका तथा ईरान के मध्य एक बार फिर से तनाव बढ़ने के आसार है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अमेरिका सभी विरोधी स्वरों को इग्नोर करते हुए ईरान के विरुद्ध वृहद प्रतिबन्ध लगाने पर सोच रहा है। ईरान पर पूर्व से ही कई प्रकार के प्रतिबन्ध लगाए जा चुके हैं। विश्व के कई देश जिसमें अमेरिका-ईरान परमाणु समझौते में सम्मिलित देश भी शामिल हैं प्रतिबंधों में ढिलाई के पक्षधर हैं।
वहीं दूसरी ओर अमेरिका से नाराज ईरान पूर्व से ही अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को ताक पर रखकर अपने परमाणु समारोह को आगे बढ़ाने की बात कर चुका है। ऐसे में दोनों देशों के मध्य विवाद दोबारा से नया रूप ले सकता है। ईरान पर लगने वाले प्रतिबन्ध क्या और कैसे होंगी इसका पता शनिवार को चल जाएगा। ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन इसी दिन इनका ऐलान कर सकता है। आपको बता दें कि 2015 के परमाणु समझौते के तहत ईरान पर संयुक्त राष्ट्र के जिन प्रतिबंधों में छूट दी गई थी, उन्हें फिर से लागू कर दिया गया है।
हालांकि, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अन्य मेंबर, जिनमें कुछ अमेरिकी मददगार भी हैं, वह इस कदम से सहमत नहीं हैं तथा इसे नजरअंदाज करने की बात कर चुके हैं। वही ऐसे में ये देखना इंट्रेस्टिंग होगा कि इन देशों की अस्वीकृति को ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन किस प्रकार से लेता है। अमेरिका ईरान पर पूर्व में ही सख्त प्रतिबन्ध लगा चुका है। इसके अतिरिक्त वह अब उन देशों पर भी जुर्माना लगा सकता है जो संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को फिर से लागू नहीं करेंगे। फिलहाल इसका निश्चित रूप से कोई फैसला नहीं हुआ है।
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