वाशिंगटन: नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ देश में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. देश के कई इलाकों में लोग इस कानून के विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं. वहीं अमेरिका का कहना है कि वह इस कानून को लेकर बनी स्थिति पर काफी करीब से नजर बनाए हुए है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि, 'हम नागरिकता संशोधन कानून के हालात पर निगाह बनाए हुए हैं.
उन्होंने कहा है कि हम अधिकारों की रक्षा और सम्मान करने का अनुरोध करते हैं. हम प्रदर्शनकारियों से हिंसा से दूर रहने का भी अनुरोध करते हैं. धार्मिक स्वतंत्रता और कानून के अनुसार, समान उपचार के लिए सम्मान, ये दो सिद्धांत हमारे लोकतंत्रों का मूल हैं. संयुक्त राज्य अमेरिका भारत से भारत के संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों के मद्देनज़र अपने धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने का अनुरोध करता है.'
इससे पहले यूनाइटेड नेशंस ने कहा था कि वह भारत के नागरिकता संशोधन अधिनियम के प्रभाव की करीब से समीक्षा कर रहा है. महासचिव अंतानियो गुतेरेस के उपप्रवक्ता फरहान हक ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा है कि, 'हमें इस बात की जानकारी है कि भारतीय संसद के दोनों सदनों ने नागरिकता (संशोधन) बिल को पारित कर दिया है और हम इस संबंध में सार्वजनिक रूप से जाहिर की जा रही चिंताओं से भी अवगत हैं. संयुक्त राष्ट्र कानून के संभावित नतीजों को लेकर विश्लेषण कर रहा है.'
मां नही बन पाई महिला, गलती के लिए अस्पताल को भरना पड़ेगा 5.30 करोड़ हर्जाना
बालाकोट मुद्दा पाकिस्तानी सेना के लिए बना परेशानी की वजह, बौखलाहट के कही ये बात
वैज्ञानिक किया खुलासा, तारों के विकिरण से बचने के लिए इस क्षेत्र की आवश्यकता