वाशिंगटन: चीन के साथ जारी तनातनी के बीच अमेरिका अब एक नई रणनीति पर काम शुरू करने वाला है। अमेरिका ने अपने सहयोगी देशों को हथियारों की बिक्री में तेजी लाने का निर्णय लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका कई नौकरशाही बाधाओं को दूर करके अपने सजयोगियों को हथियारों की बिक्री में तेजी लाएगा, जिससे चीन जैसे देशों के साथ प्रतिस्पर्धा में देरी न हो।
बता दें कि रक्षा विभाग ने विदेशों में अमेरिकी हथियारों की बिक्री को लेकर नई पहल आरम्भ की है। यह खास तौर पर उन सहयोगियों के लिए है, जिन्होंने यूक्रेन को सैन्य उपकरण उपलब्ध कराए हैं। अमेरिका ने अपने यूरोपीय सहयोगियों से वादा किया है कि वह उनके स्टॉक को वापस भर देगा। हालांकि, अमेरिकी डिफेंस इंडस्ट्री खुद बैकलॉग का सामना कर रही है। डिफेंस डिपार्टमेंट वर्ष में सिर्फ एक बार ही सैन्य उपकरणों के लिए कॉन्ट्रैक्ट्स को हरी झंडी देता है।
ऐसे में जो देश डेडलाइन खत्म होने तक अपने लिए हथियारों का ऑर्डर नहीं दे पाते हैं, उन्हें अगले साल की प्रतीक्षा करनी पड़ती है। हालांकि, स्टेट डिपार्टमेंट इसे लेकर रक्षा विभाग के साथ चर्चा कर रहा है। हथियारों की आपूर्ति बढ़ाने के मकसद से इसमें बदलाव किया जा सकता है। बता दें कि हथियारों की बिक्री बढ़ाने की खबर ऐसे वक़्त सामने आई है, जब ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन के रिश्तों में तनाव है।
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