वाशिंगटन: अमेरिकी प्रशासन ने चीन के खिलाफ एक और सख्त कदम उठाते हुए हजारों चीनी छात्रों के वीजा निरस्त कर दिए हैं. जिन छात्रों के वीजा कैंसिल किए गए हैं वो ग्रैजुएट और रिसर्चर स्टूडेंट्स हैं. कार्यवाहक गृह मंत्री चेड वोल्फ ने इस बारे में पहले ही कहा था कि अमेरिका, चीन के खुफिया विभाग या पीपल्स लिबरेशन आर्मी से संबद्ध चीन के शैक्षणिक संस्थानों से संबंधित ग्रेजुएट छात्रों और रिसचर्स के वीजा निरस्त करने के महीनों पुराने प्रस्ताव पर विचार करते हुए यह निर्णय लिया है. क्योंकि ये स्टूडेंट्स जासूसी या बौद्धिक संपदा की चोरी जैसे खतरा पैदा कर सकते हैं.
चेड वोल्फ ने एक बार फिर से अन्यायपूर्ण व्यापार व्यहार, औद्योगिक जासूसी और कोरोना महामारी की रिसर्च चुराने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह चीन, अमेरिका द्वारा स्टूडेंट्स को दिए जा रहे वीजा का गलत इस्तेमाल कर रहा है. इसके साथ ही वह अमेरिकी शिक्षा का भी दुरूपयोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिका, चीन द्वारा निर्मित किए जा रहे उत्पादों पर भी रोक लगाने जा रहा है. जिससे अमेरिकी बाजार में उन उत्पादों ना उतारा जा सके, जो गुलाम मजदूरों द्वारा बनवाए जा रहे हों. उन्होंने कहा कि चीन को किसी का शोषण नहीं करना चाहिए. उन्हें हर इंसान और उनकी गरिमा का सम्मान करना चाहिए.
अमेरिका ने चीन के झिंजियांग प्रांत में रहने वाले मुस्लिमों पर शोषण के आरोप लगाते हुए यह बात कही है. एक अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा कि 29 मई को अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा किए गए ऐलान के फलस्वरूप यह फैसला लिया गया है. क्योंकि चीन, हांगकांग में लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश कर रहा है.
भारत के इस इलेक्ट्रिक स्कूटर को सिर्फ 2,999 रुपये में कर सकते है बुक, जाने फीचर्स
कोरोना से गरीबी-भुखमरी बढ़ेगी, बच्चों की मौत होगी: संयुक्त राष्ट्र
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस: दुनिया में हर दिन ख़ुदकुशी करते हैं 3000 लोग