भारतवंशी प्रोफेसर आदित्य बामजई को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने निजता और नागरिक स्वतंत्रता निगरानी बोर्ड का दोबारा सदस्य नामित किया है. मशहूर कानूनविद और वर्जीनिया यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर बामजई की इस नियुक्ति पर मुहर का प्रस्ताव अमेरिकी सीनेट भेज दिया गया है. बामजई इससे पहले भी आतंकवाद पर सरकार को सुझाव देने वाले इस महत्वपूर्ण बोर्ड के सदस्य रह चुके हैं. उनका अगला कार्यकाल 29 जनवरी, 2026 तक होगा. बामजई अमेरिका के न्याय विभाग में भी काम कर चुके हैं.
103 साल की महिला ने दी 'कोरोना' को मात, स्वस्थ होकर वापस लौटी घर
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट के कानूनी सलाहकार कार्यालय में अटॉर्नी-सलाहकार के पद पर बामजेई कार्य कर चुके है. वे यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जिनिया स्कूल में लॉ के एसोसिएट प्रोफेसर हैं. नेशनल सिक्योरिटी लॉ में उनकी विशेषज्ञता है. येल यूनिवर्सिटी और शिकागो यूनिवर्सिटी लॉ स्कूल से ग्रेजुएट, बामजई ने पहले अमेरिका सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टीस किया था. वे जस्टिस एंटोनिन स्केलिया में लॉ क्लर्क रहे हैं.
'कोरोना' को लेकर सबसे बड़ी खुशखबरी, चीन ने बनाई Covid-19 की दवा
अगर बात करें पिछले साल जनवरी की तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने तीन भारतीय अमेरिकी लोगों को अपने प्रमुख प्रशासनिक विभागों के लिए नामित किया था. राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिकी भारतीय रीता बरनवाल को ऊर्जा विभाग में सहायक सचिव के पद, प्राइवेसी एंड सिविल लिबर्टीज ओवरसाइट बोर्ड के सदस्य के रूप में भारतीय अमेरिकी आदित्य बाामजई और सहायक वित्त मंत्री के रूप में भारतीय अमेरिकी बिमल पटेल के नाम को नामांकित किया था.
बांग्लादेश में इतने लोगों को कोरोना वायरस ने किया संक्रमित
कोरोनावायरस : क्या स्वदेश लौट पाएंगे सिंगापुर में फंसे 97 भारतीय यात्री ?
रूस : कोरोना वायरस से पहली मौत, राष्ट्रपति पुतिन ने उठाया बड़ा कदम