भारत सरकार ने बीते दिनों राज्य सभा में भी नागरिकता संशोधन विधेयक पास करा लिया है इस बिल पर अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है. इसलिए अमेरिका यह उम्मीद करता है कि वह अपने देश में लोकतांत्रिक मूल्यों और अल्प संख्यकों के अधिकारों की रक्षा करेगा. अमेरिका ने यह प्रतिक्रिया ऐसे समय आई है, जब प्रतिनिधि सभा में कश्मीर मामले में प्रस्ताव पेश किया गया है.
फिर से पाकिस्तान जाएंगे भारतीय श्रद्धालु, 13 नवंबर को रवाना होगा पहला जत्था
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने गुरुवार को कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक के संबंध में हम घटनाक्रमों का बारीकी से पालन कर रहे हैं. धार्मिक स्वतंत्रता और कानून के तहत समान व्यवहार हमारे दो लोकतंत्रों के मूल सिद्धांत हैं. प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका भारत से भारत के संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों को ध्यान में रखते हुए अपने धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने का आग्रह करता है.
यह है हॉलीवुड की सबसे अधिक समय वाली फिल्म, गिनीज बुक में दर्ज है नाम
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि भारत में काफी समय से नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध चल रहा है. असम में इस बिल को लेकर बहुत नाराजगी देखने को मिली है लेकिन पीएम ने असम की जनता से शांति बनाएं रखने का आग्रह किया था और विश्वास दिलाया था कि उनके अधिकार सुरक्षित रहेंगे. नागरिकता संशोधन विधेयक का विपक्ष पुरजोर विरोध कर रहा है. विपक्ष की मांग है कि इस बिल में सभी धर्म के लोगो को स्थान मिले लेकिन सत्ताधारी पार्टी ने इस बात से साफ इनकार कर दिया है.
चीन के विश्वास को पहुंचा नुकसान, इस देश ने विरोध में किया बड़ा काम
मास्टरमाइंड आतंकी हाफिज सईद को जल्द मिल सकती है सजा, अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने
डाला दबावहजारों लोगो की भीड़ पार्क में जमा हुई, आंदोलन के हिंसक स्वरूप में तब्दील होने...