वाशिंगटन: अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन (Pentagon) ने दक्षिण चीन सागर (South China Sea) में विवादित आइसलैंड पर चीन की मिलिट्री प्रैक्टिस पर चिंता व्यक्त की है. साथ ही सतर्क किया है कि इससे इलाके में तनाव और बढ़ेगा. दक्षिण चीन सागर के ‘पार्सेल द्वीप’ पर चीन ने 1 जुलाई से 5 जुलाई तक सैन्य अभ्यास करने का निर्णय लिया है.
अमेरिका ने स्पष्ट कहा है कि सैन्य अभ्यास के कारण इस इलाके में ताइवान, वियतनाम और चीन के बॉर्डर विवाद पर इसका असर होगा और उथल-पुथल के हालात हो सकते हैं. इसके साथ ही अमेरिका ने चीन को दक्षिण चीन सागर के मामले में 2002 के प्रस्ताव का स्मरण कराया है, जिसमें विवाद बढ़ाने और शांति भंग करने वाली गतिविधियों को नजरअंदाज करने की बात कही गई है. अमेरिका ने साफ़ सह्ब्दों में कहा है कि मौजूदा सैन्य अभ्यास इलाके में चीन के अवैध समुद्री दावे को मजबूत करने और पड़ोसियों के अधिकार समाप्त करने की उसकी पुरानी और लंबी गतिविधियों का हिस्सा है.
आपको बता दें कि चीन दक्षिण चीन सागर के बड़े इलाके और ‘पार्सेल’ द्वीप पर अपना दावा करता है, जिसे अमेरिका स्वीकार नहीं करता. कोरोना महामारी के कारण अमेरिका और चीन में फिलहाल भारी तनाव है. राष्ट्रपति ट्रंप चीन पर कोरोना वायरस से संबंधित जानकारी छिपाने का आरोप लगा चुके हैं और तो और, अमेरिका ने WHO पर चीन को बचाने का आरोप लगाते हुए उससे भी संबंध तोड़ लिया है.
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