न्यूयॉर्क: संयुक्त राज्य अमेरिका ने 4 नवंबर को तेहरान के खिलाफ मंजूरी मिलने के बाद ईरान के साथ आर्थिक गतिविधियों को जारी रखने वाले देशों के खिलाफ अलग नियम बनाए जाने की चेतवनी दी है. राज्य के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने संवाददाताओं से कहा, ईरान के इस्लामिक गणराज्य के साथ आर्थिक गतिविधियों में संलग्न होने वाले देशों के लिए नियमों का एक मूल रूप से अलग सेट होगा.
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ट्रम्प प्रशासन द्वारा किसी भी छूट या रियायत की अनुपस्थिति में, भारत पर इसका बड़ा प्रभाव पड़ सकता है, जो ईरानी तेल के सबसे बड़े आयातकों में से एक है और वर्तमान में रणनीतिक चबहर बंदरगाह का विकास कर रहा है. अगर भारत ईरान के साथ अपने व्यापारिक संबंध जारी रखता है तो उसे अमेरिका की नाराज़गी का सामना करना पड़ सकता है.
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हालांकि, अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा है कि ईरान के साथ व्यापर करने वाले देशों को छूट दी जाएगी या नहीं, अगर दी जाएगी तो क्या छूट दी जाएगी इसके बारे में अभी विचार विमर्श चल रहा है, 4 नवंबर को इसपर अंतिम फैसला आ जाएगा. बताया जा रहा है कि भारत को, भारत-अमेरिका संबंधों की रणनीतिक प्रकृति, चबहर बंदरगाह के रणनीतिक महत्व और इसकी बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को देखते हुए कुछ छूट मिल सकती है.
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