वाशिंगटन। अमेरिका अपनी सुरक्षा के मामले में हमेशा गंभीर रहता है। अपने देश की सुरक्षा के खातिर अमेरिकी सरकार करोड़ो डॉलर खर्च करने में भी नहीं झिझकती है। अमेरिका का सुरक्षा बजट भी दुनियाँ में सबसे ज्यादा है। अब अपनी सुरक्षा में एक और कदम बढ़ाते हुए अमेरिका ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में 30 करोड़ डॉलर (करीब 2 हजार करोड़ रुपए) का निवेश करने का फैसला किया है। सूत्रों का कहना है कि इतना बड़ा फैसला हिंद-प्रशांत छेत्र में चीन से बढ़ते खतरे को ध्यान में रख कर लिया गया है।
एक अमेरिकी अधिकारी के मुताबिक, पोम्पियो ने आसियान देशों के नेताओं से मुलाकात के दौरान दक्षिण चीन सागर के सैन्यीकरण पर भी चर्चा की। दरअसल, चीन लंबे समय से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी पैठ बढ़ा रहा है और भविष्य में उससे होने वाले किसी भी खतरे से निपटने के लिए अमेरिका पहले से ही तैयार रहना चाहता है।
गौरतलब है कि 2016 में भारत और अमेरिका ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था, जिसके मुताबिक दोनों देश आपातकाल की स्थिति में या फिर मरम्मत और सप्लाई के लिए एक-दूसरे की थल, हवाई और नौसैन्य बेस इस्तेमाल कर सकते हैं। दरअसल उस वक्त ये समझौता हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती नौसैनिक गतिविधियों को देखते हुए किया गया था। हालिया समय में चीन ने श्रीलंका के पास ही एक बंदरगाह का निर्माण शुरू कर किया है जिससे हिंद महासागर क्षेत्र को लेकर भारत और अमेरिका दोनों की चिंताएं बढ़ी हैं।
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