वाशिंगटन: अमेरिकी कांग्रेस का मानवाधिकार संबंधी एक समूह भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म किए जाने के बाद वहां की स्थिति पर इस सप्ताह सुनवाई आयोजित करेगा। किन्तु कुछ पर्यवेक्षकों ने समूह के इरादों पर संदेह जाहिर करते हुए कहा है कि इस समूह के गवाह भारत के घोर विरोधी रहे हैं। टॉम लैंटोस मानवाधिकार आयोग ने सुनवाई का ऐलान करते हुए कहा कि गवाह जम्मू कश्मीर में मानवाधिकारों की स्थिति की जांच की जाएगी।
उन्होंने कहा कि वे क्षेत्र के इतिहास और भारत एवं पाकिस्तान में मानवाधिकार के उल्लंघन के तरीकों के परिप्रक्ष्य में स्थिति की जांच करेंगे और कार्रवाई के लिए कांग्रेस से सिफारिश करेंगे। आयोग ने बुधवार, 13 नवंबर को सुनवाई के लिए गवाह के रूप में वैश्विक धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी अमेरिकी आयोग की आयुक्त अनुरिमा भार्गव को निमंत्रण दिया है। टॉम लैंटोस आयोग के वास्तविक इरादों पर सवाल खड़े करते हुए कांग्रेस पर्यवेक्षकों ने कहा कि इसके सह अध्यक्षों ने नोटिस के बिना सुनवाई का ऐलान किया और ऐसा पैनल चुना है जो भारत का विरोधी है।
उन्होंने पैनल में शामिल लोगों की मंशा पर भी संदेह जाहिर किया है। कांग्रेस पर्यवेक्षकों ने संदेह व्यक्त किया है कि इसके पीछे पाकिस्तानी-अमेरिकी और पाकिस्तानी प्रतिष्ठान के करीबी लोगों के समूहों द्वारा बडे पैमाने पर धन उपलब्ध कराया जाना है।
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