वॉशिंगटन : ईरान से तेल खरीदने पर प्रतिबंध के बीच भारत को अपने मजबूत दोस्त अमेरिका से राहत की उम्मीद थी. हालांकि अब इस मसले पर अमेरिका का बयान आया है और वह भारत के लिए किसी झटके से कम नहीं बताया जा रहा है. बता दें कि अमेरिका ने सोमवार को इसे लेकर कहा है कि वह भारत को इस बारे में भरोसा नहीं दे सकता हैं कि ईरान के सस्ते तेल का आयात रोकने से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए भारत को कम दरों पर कच्चा तेल हम बेचेंगे.
अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विलबर रॉस ने भारत की राजधानी नई दिल्ली में कहा कि, 'कच्चा तेल निजी क्षेत्र के हाथों में है और सरकार उन्हें सस्ते दर पर बेचने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता हैं. वहीं आपको बता दें की फिलहाल अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाए गए प्रतिबंध से मिल रही छूट के समाप्त होने के बाद भारत ने इस महीने से ईरान से कच्चा तेल खरीदना बंद कर दिया है.
आपको इस बात से अवगत करा दें कि ईरान से कच्चा तेल मंगाना भारतीय परिशोधन संयंत्रों के लिए फायदेमंद होता है और ईरान खरीदारों को भुगतान के लिए 60 दिन का समय प्रदान करता है. लेकिन अन्य विकल्पों सउदी अरब, कुवैत, इराक, नाइजीरिया और अमेरिका के साथ ऐसा नहीं है. वहीं अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विलबर रॉस ने भारत के वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात करने के बाद कहा कि 'ईरान एक समस्या है, अगर आपने आतंकवाद की हालिया घटनाओं को देखा होगा. अतः हम मिलकर आतंकवाद के खिलाफ कदम उठा सकते हैं.'
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