वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के अमेरिका दौरे के दौरान कहा था कि भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने उनसे कश्मीर पर मध्यस्थता के लिए अनुरोध किया था. इसके बाद भारत ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि इस तरह की कोई भी आग्रह पीएम मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप से नहीं किया है. इससे स्पष्ट है कि इस मामले पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक बार फिर सीधे तौर पर झूठ बोला है.
उल्लेखनीय है कि डोनाल्ड ट्रंप इस तरह के बड़बोले बेतुके बयानों और झूठे दावों के लिए पहचाने जाते हैं और अमेरिका के अंदर और विश्वभर में इस कारण उनकी किरकिरी भी होती रहती है. इसी वर्ष अप्रैल में ब्रिटिश अखबार द गार्डियन ने ट्रंप के झूठे दावों पर एक लेख छापा था. इस लेख में बताया गया था कि डोनाल्ड ट्रंप ने जब से अमेरिका के राष्ट्रपति की कुर्सी संभाली हैं, तब से लेकर अब तक दस हजार से ज्यादा बार झूठ बोल चुके हैं. इसका अगर औसत निकाला जाए तो ट्रम्प का प्रतिदिन तकरीबन 17 बार झूठ बोलने का रिकॉर्ड बनता है.
भारत के संबंध में ट्रंप ने इस किस्म का झूठ कोई पहली बार नहीं बोला है. इससे पहले जलवायु परिवर्तन के मसले पर ट्रम्प ने यह झूठा दावा किया था कि अमेरिका नहीं बल्कि भारत और चीन विश्व के सबसे बड़े प्रदूषक देश हैं. इसके उलट सच्चाई यह है कि जलवायु परिवर्तन के लिहाज से दोनों राष्ट्र भले ही बड़े प्रदूषक हों, किन्तु इस मामले में अमेरिका इनसे कहीं ज्यादा आगे है. विशेषज्ञों के अनुसार ग्लोबल वार्मिंग के वर्तमान स्तर में भारत और चीन की भागीदारी क्रमश: 10 और 6 फीसद है, वहीं इस मामले में अमेरिका का योगदान 23 फीसद है.
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