वाशिंगटन: विश्व में इस समय अधिकतर वैज्ञानिक कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में लगे हुए हैं। विश्व को कोरोना के साथ रहते हुए सात महीने से अधिक गुजर चुके है और अब वैक्सीन भी तक़रीबन तैयार हो गई है। रूस ने वैक्सीन बनाने का तो दावा कर दिया है, किन्तु अमेरिका, ब्रिटेन जैसे देशों में वैक्सीन का काम अभी भी जारी है।
जब तक वैक्सीन नहीं बन रही है तब तक वैज्ञानिकों ने एक नए जनरेशन के उपचार का दावा किया है। इसके माध्यम से कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आने वाले मरीजों को बीमार नहीं पड़ने दिया जाएगा और उनकी जान बचाने पर अधिक जोर दिया जाएगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि यदि मनुष्यों पर इस नए जनरेशन उपचार के परिणाम सफल आने लगेंगे तो अगले साल की शुरुआत में इसे तैयार किया जा सकता है। इस उपचार के माध्यम से लोगों को बिना सोशल डिस्टेंसिंग के घूमने की आजादी मिल जाएगी और लोग बिना किसी भय के बाहर घूम सकेंगे।
न्यू जनरेशन इलाज यानि कि सार्स ब्लॉक थेरेपी को अमेरिका में तैयार किया जा रहा है और ब्रिटेन के निवेशक इसमें पैसा लगा रहे हैं। इस उपचार को कोरोना वायरस पर आधारत सिंथेटिक प्रोटीन सीक्वेंस से तैयार किया जा रहा है। यह एक कॉक के जैसे काम करेगा और वायरस को शरीर रिसेप्टर सेल्स (एसीई-2 रिसेप्टर) में प्रवेश करने से रोकेगा। इस उपचार से ना केवल शरीर में वायरस के प्रवेश को रोका जा सकता है, बल्कि वायरस की शिनाख्त कर इम्यून सिस्टम को उससे लड़ने के लिए तैयार किया जा सकता है।
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