वाशिंगटन: पिछले कुछ समय से अमेरिका की तरफ से लगातार भारत के खिलाफ निर्णय लिए जा रहे हैं। हाल ही में अमेरिका की ट्रंप सरकार ने भारत को मिलने वाली GSP (जेनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंस) सुविधा भी बंद कर थी। इसका तात्पर्य यह हुआ कि भारत अब जिन उत्पादों को अमेरिका में बेचेगा उस पर ट्रंप प्रशासन टैक्स लगाएगा।
किन्तु अब ट्रंप सरकार के इस फैसले पर अमेरिकी सांसदों ने ही विरोध करना आरम्भ कर दिया है। दरअसल, अमेरिका के 25 प्रभावशाली सांसदों ने ट्रंप सरकार से भारत को जीएसपी ख़त्म नहीं करने आग्रह किया है। उन्होंने कहा है कि इसका अमेरिकी कंपनियों पर नकारात्मक प्रभाव होगा। सांसदों ने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइजर को चिट्ठी भेजकर समझौते पर वार्ता जारी रखने का आग्रह किया है। यह समझौता व्यापार (निर्यात और आयात) पर निर्भर नौकरियों की रक्षा करेगा और उन्हें प्रोत्साहन देगा।
उन्होंने अनुरोध किया है कि भारत के लिए जीएसपी ख़त्म करने से वे अमेरिकी कंपनियां प्रभावित होंगी जो भारत में अपने निर्यात में वृद्धि करना चाहती हैं। सांसदों ने कहा कि जीएसपी के तहत मिलने वाले फायदों को समाप्त करने से भारत या अमेरिका किसी को भी लाभ नहीं होगा। सांसदों ने कहा है कि, "भारत के लिए जीएसपी समाप्त करने से फायदा नहीं बल्कि नुकसान होगा। वे कंपनियां प्रभावित होंगी जो भारत में निर्यात बढ़ने की इच्छुक हैं।"
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