सुपरटेक की एमराल्ड योजना में बने विवादित ट्वीन टावर को तोड़ने का प्रस्ताव पूरी तरह से तैयार हो चुका है. प्रस्ताव इतना कारगर है कि उसे देखते हुए मौखिक सहमति भी दी जा चुकी है. प्रस्ताव अमेरिका की एक कंपनी ने बनाया है. ट्वीन टावर को अब वॉटरफाल के तरीके से तोड़ा जाने वाला है. टावर तोड़ने के लिए एक्सप्लोसिव का उपयोग किया जाने वाला है. 9 मीटर तक होगा धमाके का प्रभाव भी होने वाला है. वहीं टावर गिरने के बीच 10 से 15 मिनट तक धूल का गुबार छाया रह सकता है. टावर गिराने के समय अंडरग्राउंड गैस पाइप लाइन बंद की जाने वाली है. खबरों की माने तो इस बीच हजारों टन मलबा और स्टील निकलेगा. गौरतलब रहे सुप्रीम कोर्ट ने 30 नवंबर तक टावर गिराने के आदेश नोएडा अथॉरिटी को दिए जा चुके थे.
वॉटरफाल के तरीके से ऐसे तोड़े जाते हैं टावर: जहां इस बात का पता चला है कि अमेरिका की कंपनी इससे पहले इंडिया में ही मुम्बई और कोच्चि में भी मल्टी स्टोरी बिल्डिंग गिराने का कार्य को पूरा किया था. साउथ अफ्रीका में भी सुपरटेक के ट्वीन टावर जितनी बिल्डिंग को तोड़ा जा चुका है. कंपनी ने नोएडा अथॉरिटी में अपना प्रस्ताव पेश करते हुए यह भी कहा है कि वो ट्वीन टावर को वॉटरफाल का तरीका अपनाकर तोड़ने वाली है. इसके लिए टावर के कॉलम, बीम और दिवारों में कई स्थान छेद कर एक्सप्लोसिव लगाया जाने वाला है. इस तरीके से टावर का मलबा एक झरने से गिरने वाले पानी की तरह से नीचे आ जाएगा. खास बात यह है कि मलबा टावर के अंदर की ओर गिर सकता है.
10 सेकेंड में गिर जाएंगे टावर, 3 हजार ट्रक भरकर निकलेगा मलबा: अब तक मिली जानकारी के अनुसार नोएडा अथॉरिटी के सामने प्रस्ताव जारी करते हुए अमेरिकन कंपनी ने दावा किया है कि वॉटरफाल तरीके से ट्वीन टावर को गिरने में सिर्फ 10 सेकेंड लगने वाले है. लेकिन इसकी तैयारी करने के लिए उन्हें कम से कम 3 माह का समय लग जाएगा. टावर गिराने के दौरान नीचे से गुजर रही गैस की पाइप लाइन को भी बंद किया जाना भी जरुरी है. जानकारों की मानें तो टावर गिरने पर उसमे से तकरीबन 4 हजार टन स्टील निकलेगा. वहीं 3 हजार से अधिक ट्रक भरकर मलबा भी निकलेगा.
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