वाशिंगटन: जिस तरह से दुनियाभर में कोरोना का कहर बढ़ रहा है ठीक उसी तरह से दुनियाभर की बड़ी बड़ी कंपनियां इस वायरस का तोड़ ढूंढने में दिन रात एक कर रहे है. इस वायरस के कारण आज पूरी दुनिया में तबाही का मंज़र पैदा होता जा रहा है. वहीं अब तक कोविड ने दुनिया के छोटे से छोटे स्थान को भी संक्रमित कर दिया है. और इसके चलते हर दिन मौत का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है.
अमेरिका की मॉडर्ना वैक्सीन का आखिरी ट्रायल: अमेरिका में मॉडर्ना कंपनी की कोविड-19 वैक्सीन का ट्रायल फिलहाल अपने आखिरी चरण में है. 27 जुलाई से वैक्सीन का सबसे महत्वपूर्ण और तीसरा चरण शुरू किया जा चुका है. 30 हज़ार लोगों पर इसका टेस्ट किया जा रहा है और जिसके बाद इस बात का पता चलेगा कि क्या ये वैक्सीन वाक़ई कोविड-19 से मानव शरीर को बचा सकती है.
कब तक आएगी मॉडर्ना वैक्सीन?: मॉडर्ना के क्लीनिकल ट्रायल में अमरीका का नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हेल्थ (NHI) भी मौजूद है. NHI के निदेशक फ्रांसिस कोलिंस का मानना है कि वर्ष 2020 के अंत तक कोविड की वैक्सीन बना लेने का लक्ष्य रखा गया है, वहीं राष्ट्रपति ट्रंप ने भी वैक्सीन को लेकर उम्मीद कही जा रही है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि वैक्सीन इस वर्ष के अंत तक आ सकती है. उन्होंने इसके राष्ट्रपति चुनाव यानि 3 नवंबर तक आने की भी उम्मीद की जा रही है.
चीन भी वैक्सीन बनाने की होड़ में: चीन में प्राइवेट फार्मा कंपनी सिनोवैक(Sinovac) बॉयोटेक भी कोविड-19 वैक्सीन प्रोजेक्ट पर कार्य कर रही है. ये वैक्सीन ट्रायल के तीसरे और अंतिम चरण में पहुंच गया है है. मॉडर्ना और ऑक्सफोर्ड के उपरांत ट्रायल के अंतिम चरण में पहुंचने वाला ये विश्व का तीसरा वैक्सीन डेवलपमेंट प्रोजेक्ट है. कोरोना वैक(CoronaVac) नाम की इस वैक्सीन का ट्रायल फिलहाल ब्राज़ील में किया जा रहा है.
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