बैंगलोर: कर्नाटक की कांग्रेस सरकार इस समय आर्थिक संकट का सामना कर रही है, इसके लिए उसने एक अमेरिकी फर्म बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) को काम पर रखा है। जिसे राज्य सरकार 9.5 करोड़ का भुगतान कर रही है, ये विदेशी फर्म राज्य सरकार को अपनी आमदनी बढ़ाने के उपाय बताएगी। इससे पहले राज्य सरकार ने कमाई बढ़ाने के लिए पेट्रोल-डीजल पर टैक्स बढ़ाते हुए उसकी कीमतों में 3-3 रुपए का इजाफा कर दिया था। हालाँकि, अब भी राज्य में चुनावी गारंटियों और लंबित परियोजना के लिए राज्य में पैसों की किल्लत है। इसी को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया दिल्ली पहुंचे हैं। उनका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर राज्य के लिए फंड मांगने का कार्यक्रम संभावित है।
रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार (29 जून) को दिल्ली में सिद्धारमैया ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और सूबे की राजधानी बेंगलुरु की तर्ज पर पांच शहरों में सुरक्षित शहर परियोजना लागू करने की मांग की। एक अधिकारी ने इस बारे में जानकारी दी है कि, कर्नाटक में पुलिस विभाग को मजबूत बनाने के लिए कई प्रस्ताव प्रस्तुत करने के साथ ही, सीएम सिद्धारमैया ने मैसूर, हुबली-धारवाड़, मंगलुरु, बेलगावी और कलबुर्गी में निर्भया फंड के तहत सुरक्षित शहर परियोजना को लागू करने की मांग रखी, जिसमें हर शहर के लिए 200 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
मुख्यमंत्री ने शाह को यह भी बताया कि कर्नाटक में दो भारतीय रिजर्व बटालियन (IRB) स्थापित करने की स्वीकृति राज्य सरकार को प्राप्त हो चुकी है। स्थापना की लागत के लिए केंद्र सरकार द्वारा हर बटालियन के लिए 80 करोड़ रुपये का अनुदान प्रदान किया जाएगा। उत्तर कन्नड़ जिले के बेल्लारी और कारवार में दो और IRB के लिए इजाजत देने का आग्रह किया गया। कर्नाटक के सीएम ने पहले चरण में 100 करोड़ रुपये का अनुदान देने की मांग की है।
इसके साथ ही, सीएम सिद्धारमैया ने यह भी कहा कि पुलिस अधिकारियों के लिए 58,546 बॉडी-वॉर्न कैमरे खरीदने के लिए 175 करोड़ रुपये की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने राज्य में 100 पुलिस स्टेशन बनाने के लिए 300 करोड़ रुपये और पुलिस क्वार्टर बनाने के लिए 1,650 करोड़ रुपये के अनुदान की मांग की है। बता दें कि, इससे पहले कांग्रेस शासित कर्नाटक ने केंद्र सरकार से 11,000 करोड़ रुपए का विशेष पैकेज मांगा है। कांग्रेस सरकार ने 2024-25 वित्तीय वर्ष में चुनाव गारंटियों के लिए 52,000 करोड़ आवंटित किए हैं, ऐसे में उसके ख़ज़ाने पर बोध बढ़ा है और सरकार ने वित्तीय दबावों को कम करने के लिए केंद्र से 11,495 करोड़ मांगे हैं। इससे पहले सूखा राहत के लिए भी केंद्र सरकार ने ही राज्य सरकार को लगभग 3500 करोड़ दिए थे, राज्य सरकार की आर्थिक स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, उसे चुनावी गारंटियों को पूरा करने और अन्य कार्यों के लिए SCST फंड से 11000 करोड़ निकालने पड़े हैं।
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