रायपुर: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले से एक चौंका देने वाली घटना सामने आई है. जहां पर शादी के चलते हल्दी रश्म चल रही थी. उसी के चलते दुल्हन को प्रसव पीड़ा हुई तथा शादी के समारोह को बीच में ही रोक देना पड़ा. परिवार के लोग दुल्हन को तुरंत ही हॉस्पिटल लेकर पहुंचे, जहां पर उसने एक बेटे को जन्म दिया. यह घटना जिले के बडेराजपुर ब्लाक के ग्राम बांसकोट की है.
वही किंड़गीडिही जिला नवरंगपुर उड़ीसा की रहने वाली दुल्हन की मां सरिता मंडावी ने कहा कि आदिवासियों में चल रही पैठू परम्परा के चलते उनकी बेटी शिवबती मंडावी अगस्त महीने में कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर अपनी पसंद के लड़के चंदन नेताम जो बांसकोट का रहने वाला है. उसके यहां घर पैठू के लिए गई हुई थी. जहां पर वो तकरीबन 6 महीने रही तथा गर्भवती हो गई. बता दें, आदिवासी समाज में एक अलग परम्परा है जिसमें न तो मुहूर्त देखा जाता है न कुंडली का मिलान किया जाता है बल्कि लड़के-लड़कियां एक दूसरे को पसंद कर शादी के लिए आजाद होते हैं. शादी योग्य युवक-युवती एक दूसरे को पसंद करते हैं तो युवक, युवती के घर में चली जाती है जिसे पैठू प्रथा के नाम से जाना जाता है. यह परम्परा आज भी ग्रामीण इलाके में चल रही है.
वही दोनों के परिवार वालों ने तय किया कि अब शादी करा देनी चाहिए. फिर दोनों पक्षों ने अपने- अपने रिश्तेदारों को शादी होने की इसकी खबर दी. मगर शादी की तैयारियों के चलते कुछ देरी हो गई तथा शादी का शुभ मुहूर्त भी निकल गया. शादी के लिए बकायदा लोगों को न्यौता दिया गया था. 30 जनवरी 2022 को हल्दी लेपन का समारोह चल रहा था. 31 जनवरी को आशीर्वाद कार्यक्रम तथा खाने खाने का कार्यक्रम था. मगर हल्दी की रश्म के चलते दुल्हन के पेट में दर्द होने लगा. तुरंत ही उसे हॉस्पिटल ले जाया गया. जहां पर प्रातः के वक़्त उसने एक बेटे को जन्म दिया. पूरे परिवार में जश्न का माहौल उत्पन्न हो गया.
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