नई दिल्ली: दिल्ली में केंद्रीय हिंदी समिति की 32वीं बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भाग लिया और भाषाओं के संरक्षण को लेकर मोदी सरकार के प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस दिशा में कई कदम उठाए हैं और इसके लिए समय-समय पर प्रचार भी किया गया है। शाह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हाल ही में पांच और भारतीय भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने आंकड़ों के माध्यम से बताया कि भारत एकमात्र ऐसा देश है जिसने 11 भाषाओं को शास्त्रीय भाषाओं के रूप में मान्यता दी है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों की सराहना की, जिन्होंने हिंदी भाषा के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए देशवासियों को प्रेरित किया है। शाह ने कहा कि मोदी ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी हिंदी के प्रचार के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि 2014 से 2024 के बीच पीएम मोदी के कार्यकाल को भाषा के प्रचार का "गोल्डन काल" बताया। अमित शाह ने इस बात पर जोर दिया कि जब बच्चे अपनी प्रारंभिक शिक्षा मातृभाषा में लेते हैं, तो उनकी क्षमताओं का पूर्ण विकास संभव होता है। केंद्रीय हिंदी समिति की बैठक में शाह ने यह भी कहा कि समिति का उद्देश्य हिंदी साहित्य का संरक्षण करना है और हिंदी को देश की संपर्क भाषा के रूप में स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा का प्रचार वाकई में हमारा अपना और देश का विकास है।
उन्होंने मोदी सरकार के पिछले पांच सालों में किए गए प्रयासों का उल्लेख करते हुए बताया कि 'हिंदी शब्दसिंधु' शब्दकोष तैयार किया गया है, जिसका उपयोग आने वाले पांच वर्षों में बढ़ाने का लक्ष्य है। शाह ने हिंदी की ताकत की चर्चा करते हुए कहा कि जब हम सभी भारतीय भाषाओं को सशक्त करते हैं, तो यह हमारे विकास को भी मजबूत करता है।
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