श्रीनगर: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा के हालातों की समीक्षा की है। उन्होंने आज यानी बुधवार (5 अक्टूबर) सुबह ही एक अहम बैठक बुलाई, जिसमें उपराज्यपाल (LG) मनोज सिन्हा और कई अन्य सीनियर अधिकारी भी उपस्थित रहे। खासतौर पर CRPF और BSF के DG को भी इस मीटिंग में बुलाया गया था। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर पुलिस के भी वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में मौजूद थे। इस बैठक में अमित शाह ने अनुच्छेद 370 हटने के बाद सुरक्षा के हालातों का जायजा लिया। बताया जा रहा है कि हाल के दिनों टारगेट किलिंग की बढ़ी वरदारतों का अमित शाह ने जायजा लिया और इनसे कैसे निपटा जाए इस पर भी बात की गई है।
आज बारामुला में भी अमित शाह रैली करने वाले हैं। इससे पहले मंगलवार को राजौरी में उन्होंने रैली की थी और इस दौरान पहाड़ी समुदाय को आरक्षण देने की घोषणा की थी। बता दें कि अमित शाह काफी समय के बाद जम्मू-कश्मीर प्रवास पर हैं। पिछले कुछ महीनों में कश्मीरी पंडितों, प्रवासी श्रमिकों की टारगेट किलिंग बढ़ी है। इससे सरकार की चिंताएं भी बढ़ी हैं। माना जा रहा है कि बैठक में अमित शाह ने ऐसी घटनाओं से निपटने को लेकर बात की। मंगलवार रात को जेल DG हेमंत लोहिया की हत्या भी उनके ही नौकर यासिर अहमद ने की थी। हालांकि इस DG की हत्या में टारगेट किलिंग या फिर आतंकी हमले की बात सामने नहीं आई थी।
बता दें कि अमित शाह की राजौरी में हुई रैली में बड़ी संख्या में भीड़ जुटी थी। इस मौके पर उन्होंने कहा था कि अब जम्मू-कश्मीर की सत्ता तीन परिवारों से लेकर तीस हजार लोगों के हाथों में सौंप दी गई है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पंचायत चुनाव कराए हैं और उन वर्गों को आरक्षण प्रदान किया, जो पिछड़े रहे हैं और अपने हक के लिए काफी समय से उम्मीद कर रहे थे। बता दें कि, अमित शाह की राजौरी में हुई रैली अपने आप में विशेष भी थी। दरअसल, 1991 के बाद यह पहली बार था, जब पीर पंजाल रेंज में किसी गृह मंत्री ने रैली की हो।
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