नई दिल्ली: मोदी सरकार 2.0 में गृह मंत्री अमित शाह ने देश में भर में NRC लागू करने के मुद्दे पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रतिनिधिमंडल को शनिवार को भरोसा दिलाया कि सरकार का मकसद अल्पसंख्यकों को परेशान करना नहीं है और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी शख्स धार्मिक आधार पर इसके लपेटे में न आए.
इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम के मुताबिक, जमीयत उलेमा-ए-हिंद और जमीयत अहले-हदीस हिंद के प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से कहा कि सरकार ''सभी मुस्लिम संगठनों के साथ खुले दिल से बात करने को तैयार है.'' जमीयत उलेमा-ए-हिंद की तरफ से जारी किए गए बयान के अनुसार, संगठन के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने शाह से कहा कि भले ही सरकार के साथ कई बातों पर हमारा मतभेद है, किन्तु जहां देश हित की बात होगी तो हम देश के साथ मजबूती से खड़े हुए हैं.
मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि, '' इसलिए हमारी प्रबंधन समिति ने कश्मीर के विषय पर प्रस्ताव में स्पष्ट कहा है कि कश्मीर और कश्मीरी दोनों हमारे हैं. हम उन्हें अलग नहीं कर सकते और भारतीय मुसलमान हर किस्म के अलगाववाद के खिलाफ है .''
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