नई दिल्ली: राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा डॉ. भीमराव अंबेडकर को लेकर की गई टिप्पणी पर विपक्षी दलों का गुस्सा फूट पड़ा है। विपक्ष ने शाह से माफी की मांग करते हुए कहा है कि उनकी टिप्पणी ने बाबा साहब अंबेडकर का अपमान किया है। इस पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के नेता, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन के चलते सभी सांसदों ने बाबा साहब अंबेडकर की तस्वीरें हाथ में ली थीं और नारेबाजी की।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शाह की टिप्पणी की कड़ी निंदा करते हुए कहा, "अमित शाह ने डॉ. अंबेडकर का अपमान किया है, जो भारतीय समाज के लिए एक महान नेता और संविधान के निर्माता हैं। हम उनसे माफी की मांग करते हैं और उनका इस्तीफा भी मांगते हैं।" खड़गे ने आरोप लगाया कि शाह की टिप्पणी ने अंबेडकर की गरिमा और योगदान को कम किया है, जो भारतीय संविधान और समाज की नींव के रूप में महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा, राज्यसभा में भी विपक्षी सांसदों ने अंबेडकर को लेकर प्रदर्शन किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही को अस्थायी रूप से स्थगित करना पड़ा। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने दोपहर 2 बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
क्या है शाह की टिप्पणी का मामला?
यह विवाद उस समय उत्पन्न हुआ जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 12 दिसंबर को संविधान लागू होने की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के अंतिम दिन डॉ. अंबेडकर पर एक टिप्पणी की। अमित शाह ने कहा, "अभी एक फैशन हो गया है। अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर। अगर लोग भगवान का नाम लेते तो 7 जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।" शाह का यह बयान कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के लिए आपत्तिजनक साबित हुआ। विपक्षी नेताओं का आरोप है कि शाह ने डॉ. अंबेडकर के योगदान और उनके सम्मान को एक मजाक के रूप में प्रस्तुत किया, जो किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं है।
तत्पश्चात, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की तथा शाह से माफी की मांग की। कांग्रेस ने राज्यसभा में इस बयान को लेकर नोटिस भी दिया और शाह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इसके अतिरिक्त, विपक्षी सांसदों ने संसद में शाह के खिलाफ जमकर विरोध किया, यह दावा करते हुए कि उनकी टिप्पणी ने अंबेडकर के योगदान का अपमान किया तथा देश के संविधान को कमजोर करने का प्रयास किया।
हालांकि, भाजपा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए विपक्ष पर बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया। पार्टी के नेताओं का कहना है कि गृह मंत्री ने किसी भी तरह से बाबा साहेब का अपमान नहीं किया, बल्कि कांग्रेस द्वारा अंबेडकर के नाम पर की जा रही राजनीति की आलोचना की थी।