दिन भर में 200 सिगरेट फूंक डालते थे अमिताभ बच्चन, इस कारण छोड़ दिया सब

दिन भर में 200 सिगरेट फूंक डालते थे अमिताभ बच्चन, इस कारण छोड़ दिया सब
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बॉलीवुड फिल्मों के जाने माने मशहूर अभिनेता अमिताभ बच्चन आज किसी भी प्रकार का नशा नहीं करते। वे शराब को हाथ भी नहीं लगाते एवं सिगरेट की ओर देखते भी नहीं। लेकिन ऐसा हमेशा नहीं था। एक समय था जब वे इतनी सिगरेट पीते थे कि आंकड़े सुनकर लोग विश्वास नहीं कर पाते थे। जब शराब के प्रति उनका प्रेम चरम पर था, तो वे हाथ में आने वाली हर प्रकार की शराब पी लेते थे। उन्हें नॉन-वेज खाने से भी कोई परहेज नहीं था। इसके बाद, सब कुछ बदल गया। 1980 में अपने एक इंटरव्यू में अमिताभ ने बताया था कि उन्होंने ये सभी आदतें कैसे बदलीं। उन्होंने कहा कि उनके बदलने का कारण धार्मिक होना नहीं था।

अपने पुराने इंटरव्यू में अमिताभ ने बताया कि विदेशों में शूटिंग के चलते उन्हें शाकाहारी खाना ढूंढने में बहुत कठिनाई होती थी। उन्होंने कहा कि उनकी मां, तेजी बच्चन, एवं पत्नी, जया बच्चन, दोनों मीट खाती थीं, इसलिए उन्हें इस बारे में कभी कोई हिचक नहीं रही। अमिताभ ने कहा, "मैं स्मोक नहीं करता, शराब नहीं पीता एवं मीट नहीं खाता। हमारे परिवार में मेरे पिता शाकाहारी थे, जबकि मां नहीं थीं। इसी तरह, जया मीट खाती हैं और मैं नहीं।" फिर अमिताभ ने बताया कि वे हमेशा से ऐसे नहीं थे। उन्होंने कहा, "मैं मीट खाया करता था—बल्कि मैं शराब भी पीता था और स्मोकिंग भी करता था, लेकिन मैंने अब सब छोड़ दिया है। कलकत्ता में मैं एक दिन में 200 सिगरेट पीता था—जी हां, यह सच है, 200! मगर फिर बॉम्बे आने के बाद मैंने सब छोड़ दिया। मैं शराब भी पीता था—कुछ भी, हम वो सब पी लेते थे जो हमारे हाथ लग जाता था। लेकिन कुछ साल पहले मैंने तय किया कि मुझे ये सब नहीं करना है। मेरी आदतों की वजह से मुझे कोई समस्या नहीं होती थी, सिवाय तब, जब मैं विदेश में शूटिंग कर रहा होता था। तब शाकाहारी खाना खोजना मुश्किल हो जाता है।"

'एंग्री यंग मैन' इमेज को स्क्रीन पर आइकॉनिक बना देने वाले अमिताभ ने इसी इंटरव्यू में कहा कि वे अहिंसक हैं। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि जवानी के दिनों में वे कई बार भड़क जाया करते थे। अमिताभ ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि मैं खुद हिंसक हूं। न ही मैं जल्दी भड़कता हूं। कॉलेज के दिनों में, निश्चित रूप से, मैंने कुछ लड़ाइयां की हैं, मगर बस उतनी ही हैं। स्क्रीन पर दिखाई जाने वाली हिंसा बहुत अनरियल होती है। यह फैंटास्टिक लगने के लिए होती है, तथा लोग इसे स्वीकार भी इसी प्रकार करते हैं।" जया बच्चन के पिता, जानेमाने पत्रकार तरुण कुमार भादुड़ी ने 1989 में "इलस्ट्रेटेड वीकली ऑफ इंडिया" के एक आर्टिकल में अमिताभ के बारे में चर्चा की थी। उन्होंने यह विश्लेषण किया कि क्या अमिताभ स्पेनिश साहित्य के आइकॉनिक अय्याश किरदार, डॉन युआन की भांति हैं। तरुण ने लिखा, "फैक्ट यह है कि वे बिल्कुल इसके उल्टे हैं। अमित (अमिताभ) असल जिंदगी में एक इंट्रोवर्ट हैं। वे तभी बोलते हैं जब आवश्यकता होती है। उनमें गैर-जरूरी उत्साह भी नहीं है।"

तरुण ने यह भी लिखा, "अमिताभ वेजिटेरियन हैं, शराब एवं सिगरेट नहीं पीते। और यह उन्होंने अपनी पसंद से छोड़ा है, इन सब बातों में किसी विश्वास की वजह से नहीं। लेकिन वे बहुत संवेदनशील आदमी भी हैं, जो बहुत जल्दी हर्ट हो जाते हैं। वे अपनी पसंद और नापसंद को लेकर बहुत पक्के हैं, और उनके दोस्तों का सर्कल बहुत छोटा है। वे पार्टियों में बहुत कम जाते हैं।" तरुण कुमार भादुड़ी ने यह भी बताया कि उन्हें अमिताभ 'धार्मिक' लगते हैं मगर 'सनकी नहीं।' उन्होंने लिखा, "वे हर सुबह गीता पढ़ते हैं और सितार बजाते हैं। अपने आराम के समय में, वे अपना वक्त किताबों में लगाते हैं, जो उनके पास बहुत थीं।"

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