शाहरुख़ ख़ान का जन्म 2 नवंबर 1965 को दिल्ली, भारत में हुआ था। उनके पिता मीर ताज़ मुहम्मद ख़ान एक वकील थे। शाहरुख़ के दो बच्चे हैं - आर्यान और सुहाना, और उनकी पत्नी का नाम गौरी ख़ान है।
करियर: शाहरुख़ ख़ान ने अपना करियर टेलीविज़न सीरियल्स से शुरू किया, जहां उन्होंने 'फौजी' और 'दिल दरिया' जैसी प्रसिद्ध शो में काम किया। उनकी बड़ी फ़िल्मी उपस्थिति 1992 में रिलीज़ हुई फ़िल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' के साथ हुई थी। वह तब से बॉलीवुड में अभिनय कर रहे हैं और कई सफ़ल फ़िल्मों में काम कर चुके हैं।
राष्ट्रीय पुरस्कार: शाहरुख़ ख़ान को राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्हें 1993 में फ़िल्म 'बाज़ीग़र' के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन में फ़िल्म फ़ेयर अवार्ड मिला।
विदेशी पहचान: शाहरुख़ ख़ान एक विदेशी पहचान भी हैं और उन्हें ग्लोबली प्रसिद्धि मिली है। उन्होंने हॉलीवुड फ़िल्म 'माय नेम इज़ ख़ैन' में अभिनय किया है, जिसके लिए उन्हें बहुत सराहना मिली।
सामाजिक कार्य: शाहरुख़ ख़ान सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय हैं और विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ जुड़े हैं। उन्होंने 'मीर फ़ाउंडेशन' की स्थापना की है जो कामगारों की मदद करता है और उन्हें सामूहिक बीमा, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान करता है।
जया बच्चन के साथ विवाद: एक वक्त के दौरान, शाहरुख़ खान और जया बच्चन के बीच एक विवाद हुआ था। इसकी पीछे कारण था कि शाहरुख़ खान ने फ़िल्म 'कभी ख़ुशी कभी ग़म' में अमिताभ बच्चन के ख़िलाफ़ काम किया था, जो जया बच्चन को अनुमानित रूप से बुरा लगा।
शरीफा रियाज के मामले: शाहरुख़ खान के एक शरणार्थी शरीफा रियाज ने उन पर छेड़छाड़ के आरोप लगाए थे। शरीफा ने कहा था कि शाहरुख़ उन्हें बेहद तंग कर रहे थे और उन्हें भयभीत कर रहे थे। इस मामले में विवाद था, लेकिन बाद में यह मामला सुलझ गया।
विवादित बयान: शाहरुख़ खान ने कुछ बयानों के बाद विवाद में आए हैं। उनके कुछ बयान राजनीतिक और सामाजिक मामलों के बारे में विवाद पैदा करने के लिए माने गए।
दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (1995): यह फ़िल्म एक रोमांटिक द्रामा है जिसमें शाहरुख़ खान और काज़ोल को प्रमुख भूमिका मिली। यह फ़िल्म बॉक्स ऑफ़िस पर बहुत ही सफ़ल रही और उन्हें एक दर्शकों के दिलों का दिलदार बना दिया।
कभी ख़ुशी कभी ग़म (2001): इस फ़िल्म में शाहरुख़ खान, काज़ोल और अमिताभ बच्चन काम किये हैं। यह फ़िल्म परिवार के माध्यम से जुड़ी कहानी है जिसमें एक माता-पिता की आशाओं, सपनों और संघर्षों को दिखाया गया है।
कल हो ना हो (2003): इस फ़िल्म में शाहरुख़ खान एक आयरलैंड में रहने वाले भारतीय युवा का किरदार निभा रहे हैं। यह फ़िल्म एक दर्दनाक और उत्कृष्ट प्रेम कहानी है जो दर्शकों के दिलों को छूने वाली है।
मैं हूँ ना (2004): इस फ़िल्म में शाहरुख़ खान एक प्रोफ़ेसर का किरदार निभा रहे हैं जो एक बीमारी से ग्रस्त है। यह फ़िल्म एक आध्यात्मिक और प्रेरणादायक कहानी है जो दर्शकों को जीवन की महत्वपूर्ण मूल्यों को समझाती है।
रब ने बना दी जोड़ी (2008): इस फ़िल्म में शाहरुख़ खान और अनुष्का शर्मा प्रमुख भूमिका में हैं। यह फ़िल्म एक रोमांटिक द्रामा है जिसमें प्रेम, विश्वास और दिल की बातें दिखाई गई हैं।
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