नई दिल्लीः देश में छाई आर्थिक सुस्ती से निपटने के लिए सरकार सक्रिय हो गई है। वह हरसंभव विकल्प पर गौर कर रही है। बीते दिनों वित्त मंत्री ने इस दिशा में कई बड़े ऐलान किए। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि देश की आर्थिक वृद्धि को मजबूती देने के लिए सरकार आने वाले दिनों में कई और स्ट्रक्चरल रिफार्म्स की तैयारी में है। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के 'इंडिया इकोनॉमिक समिट' को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बीते पांच साल के दौरान देश की इकोनॉमी 7.5 फीसद की दर से बढ़ी है।
वित्त वर्ष 2017-18 की अंतिम तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 8.1 फीसद पर थी। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान आर्थिक वृद्धि की रफ्तार घटकर पांच फीसद पर रह गई। उन्होंने कहा कि 'रिजर्व बैंक और सरकार ने देश को फिर ऊंची वृद्धि की राह पर ले जाने के लिए कई कदम उठाए हैं। जीडीपी वृद्धि दर की घटती रफ्तार को देखते हुए आरबीआई इस साल अब तक प्रमुख नीतिगत दर रेपो रेट में 1.10 फीसद की कटौती कर चुका है। हालांकि, मौद्रिक नीति को उदार बनाये जाने की अपनी सीमाएं हैं। केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए हाल में अपने तरफ से कई उपायों का ऐलान किया है। कांत ने कहा, 'मुझे लगता है कि अभी कई और स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स किए जाएंगे। सरकार सार्वजनिक क्षेत्र में विनिवेश को आगे बढ़ा रही है।
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