आप सभी को बता दें कि कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन आंवला नवमी मनाई जाती है और इस नवमी को अक्षय नवमी भी कहते हैं. ऐसे में इस बार अक्षय नवमी 17 नवंबर 2018 को मनाई जाने वाली है. वहीं ज्योतिषों के अनुसार इस दिन आंवला वृक्ष के नीचे बैठकर पूजा की जाती है और इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन करने का भी विशेष महत्व माना जाता है. अब आइए जानते हैं पूजा विधि और पूजा की सामग्री.
पूजा सामग्री-
1) फल, फूल
2)धूप व अगरबत्ती
3)दीपक व देसी घी
4) अनाज
5) तुलसी के पत्ते
6) कुमकुम, हल्दी, सिंदूर, अबीर, गुलाल, चंदन चूरा
7) नारियल
8) मीठे गुलगुले, पुए और शहद
9) दान सामग्री
10) हरी श्रृंगार सामग्री
पूजा विधि- सबसे पहले ध्यान रखें कि इस दिन पूजा में पूरा परिवार व बच्चे शामिल होने चाहिए. इस दिन महिलाएं सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान आदि करें और आंवला के पेड़ की पूजा करें. इस दौरान वह परिक्रमा भी करें. उसके बाद पूरा परिवार इसी पेड़ के नीचे खाना खाएं और सौभाग्य प्राप्त करें. कहते हैं आंवला का पेड़ कई औषधि में इस्तेमाल होता है और लाभदायक माना जाता है. वहीं इसके महत्व को देखते हुए इसकी पूजा की जाती है.
कहा जाता है आंवला को आयु और आरोग्यवर्धक कहा गया है और पूजा वाले दिन आंवले का सेवन किसी न किसी रूप में अवश्य करना चाहिए. वहीं पूजा के दौरान पहले पेड़ के आसपास फल, फूल, धूप, दीपक, अनाज, तुलसी पत्ते, कुमकुम, हल्दी, सिंदूर, अबीर, गुलाल, चंदन चूरा और नारियल के साथ पूरी पूजा सामग्री सजा लेनी चाहिए और फिर मीठे गुलगुले, पुए और शहद का भोग लगा देना चाहिए. इसके बाद स्वयं प्रसाद ग्रहण करने के बाद परिवार में बांट देना चाहिए. इसी के साथ हरी श्रृंगार सामग्री किसी नवविवाहिता को देनी चाहिए और अन्य दान सामग्री ब्राह्मणों को देना चाहिए.
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