विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्रेयियस ने हाल ही में कहा कि, 'कोरोना वायरस का नया ओमीक्रॉन वेरिएंट डेल्टा स्वरुप की तुलना में तेजी से फैल रहा है और पहले से ही टीका लगवा चुके लोगों या कोविड 19 बीमारी से उबर चुके लोगों में संक्रमण तेजी से पैदा कर रहा है।' जी दरअसल हाल ही में डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने एक बयान दिया है। इसमें उन्होंने कहा कि, 'शुरुआती सबूतों से यह निष्कर्ष निकालना "मूर्खतापूर्ण" होगा कि ओमीक्रॉन पिछले वाले स्वरूपों की तुलना में एक हल्का वेरिएंट है।'
इसी के साथ उन्होंने कहा, 'ओमीक्रॉन मामलों की संख्या बढ़ने के साथ ही सभी स्वास्थ्य प्रणालियां तनाव में आने वाली हैं। वैरिएंट सफलतापूर्वक कुछ प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं से बच रहा है। कई देशों में बूस्टर कार्यक्रमों को कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिए लक्षित किया जाना चाहिए।' वहीं दूसरी तरफ डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयियस ने ब्रीफिंग में कहा, "अब लगातार सबूत हैं कि ओमीक्रॉन डेल्टा संस्करण की तुलना में काफी तेजी से फैल रहा है और यह अधिक संभावना है कि कोविड का टीका लगवा चुके लोग या कोरोना से संक्रमित होकर ठीक हुए लोगों को ओमीक्रॉन संक्रमित कर सकता है।"
इसी के साथ ट्रेड्रोस अधानोम ने कहा, 'एक इवेंट का कैंसिल होना जिंदगी के कैंसिल होने से अच्छा है। यह अच्छा है कि अभी सेलिब्रेशन को कैंसिल करें और बाद में सेलिब्रेट करें। इसमें कोई शंका नहीं है कि छुट्टियों के दौरान अगर सोशल मिक्सिंग बढ़ेंगी तब अलग-अलग देशों में केस बढ़ेंगे।' इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि, 'हम सभी इस महामारी से तंग आ चुके हैं। हम सभी अपने दोस्तों और परिजनों से मिलना चाहते हैं। हम सभी अब नॉर्मल लाइफ जीना चाहते हैं। हम सभी के लिए जरुरी है कि अभी हम कुछ कठोर फैसले लें। ताकि हम खुद की रक्षा कर सकें।' इसके अलावा डब्ल्यूएचओ की टीम ने नई लहर का सामना कर रही दुनिया के लिए कुछ आशा की पेशकश करते हुए कहा कि '2022 वह वर्ष होगा जब दुनियाभर में 5.6 मिलियन से अधिक लोगों की जान लेने वाली महामारी समाप्त हो जाएगी।'
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