नई दिल्ली: एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल करते हुए चुनाव आयोग के सदस्यों की नियुक्ति के लिए स्वतंत्र चयन समिति का गठन करने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि इसमें कोई भी शक नहीं है कि चुनाव प्रक्रिया में शुद्धता लाने के लिए हमारे संविधान निर्माताओं का उद्देश्य था कि चुनाव 'मुक्त और निष्पक्ष' होना चाहिए। एक स्वतंत्र निकाय द्वारा चुनाव प्रक्रिया को अंजाम दिया जाना चाहिए।
इस याचिका में कहा गया है कार्यपालिका द्वारा निर्वाचन आयोग के सदस्यों की नियुक्ति 'उठाओ और चुनो' पर आधारित है, जो संविधान की अवधारणा के विपरीत है। ADR की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया है लोकतंत्र, संविधान के मूलभूत ढांचे का महत्वपूर्ण हिस्सा है और 'मुक्त व निष्पक्ष' चुनाव सुनिश्चित कराना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है। ऐसे में चुनाव आयोग पर सियासत या कार्यपालिका का कोई दखल नहीं होना चाहिए।
याचिकाकर्ता संगठन ने गुहार लगाई है कि विधि आयोग की 255वीं रिपोर्ट में की गई अनुशंसाओं का पालन किया जाना चाहिए। बता दें कि विधि आयोग की इस रिपोर्ट में कहा गया था कि तमाम चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति, राष्ट्रपति द्वारा तीन सदस्य कॉलेजियम की सलाह पर या स्वतंत्र चयन समिति द्वारा की जानी चाहिए। चयन समिति में पीएम, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और भारत के प्रधान न्यायाधीश के होने की सिफारिश की गई थी।
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