नई दिल्ली. विश्व भर में भारत की विकासशील देशो में गिनती की जाती है, किन्तु यह मिथक अब टूट रहा है. बीते वर्ष देश में अरबपतियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. बीते सात वर्षो से हर 33वे दिन एक भारतीय अमीरो की लिस्ट में शामिल किया जा रहा है. यह चौकाने वाली बात तो है ही बीते दो दशक के दौरान भारतीय अरबपतियों की संख्या 1 फीसदी से बढ़कर 5 फीसदी तक पहुंच गई है.
इसका परिणाम है कि फोर्ब्स की अमीरो की लिस्ट में अब तक लगभग 10 भारतीयों ने अपना नाम शामिल करवाने में सफलता हासिल की है. भारतीय अरबपतियों से संबंधित यह जानकारी फोर्ब्स की इस वर्ष के विश्लेषण में सामने आई है. यह विश्लेषण प्रबंधन सलाहकार कम्पनी अहमदोंफ एंड कम्पनी ने किया है. मिली जानकारी के हिसाब से 101 भारतीय अरबपतियों ने जगह बनाई. जबकि 31 लोगो ने विरासत में मिली सम्पत्ति के जरिए अरबपति बने है. अब तक सिर्फ टाटा - बिड़ला का नाम ही अमीरो की गिनती में लिया जाता था, किन्तु बीते वर्ष से कुछ असामान्य परिवर्तन आया है. यह भी देखने को मिल रहा है कि अपने दम पर अरबपति बनने में सफलता हासिल कर रहे है.
वर्तमान में देश में नए अरबपतियों की संख्या लगभग 70 के आसपास पहुंच गई है. इस फेहरिस्त में वे 4 महिलाए भी शामिल है जिन्हे पति की तरफ से मिली सम्पत्ति के बाद सफलता मिली है. इन महिलाओ में बायोकॉन कंपनी की मैनेजिंग डायरेक्टर किरण मजूमदार शॉ एकमात्र ऐसी महिला है जिसने अरबपति बनने की दौड़ में अपना दम दिखाया.
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