मुंबई: मुंबई के एक समाचार पत्र की रिपोर्ट के बाद कि शिवसेना (शिंदे गुट) नेता रवींद्र वायकर के रिश्तेदार महाराष्ट्र के गोरेगांव में एक मतगणना केंद्र के अंदर एक मोबाइल फोन ले जा रहे थे, जिसका कथित तौर पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को अनलॉक करने के लिए OTP जनरेट करने के लिए इस्तेमाल किया गया था, रिटर्निंग ऑफिसर ने ऐसी रिपोर्टों को खारिज कर दिया और स्पष्ट किया कि EVM को मोबाइल पर किसी ओटीपी से अनलॉक नहीं किया जा सकता।
27 मुंबई उत्तर पश्चिम संसदीय क्षेत्र की रिटर्निंग ऑफिसर वंदना सूर्यवंशी ने 16 जून को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, "EVM को अनलॉक करने के लिए मोबाइल पर कोई OTP नहीं है, क्योंकि यह प्रोग्राम करने योग्य नहीं है और इसमें वायरलेस संचार क्षमता नहीं है। यह एक अखबार द्वारा फैलाया जा रहा एक झूठ है, जिसका इस्तेमाल कुछ नेताओं द्वारा गलत बयानबाजी करने के लिए किया जा रहा है।" रिटर्निंग ऑफिसर ने आगे कहा कि मुंबई उत्तर पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र के मतगणना केंद्र पर हुई घटना एक उम्मीदवार के सहयोगी द्वारा एक अधिकृत व्यक्ति के मोबाइल फोन का अनधिकृत रूप से उपयोग करने से संबंधित है। उन्होंने कहा, "रिटर्निंग अधिकारी द्वारा पहले ही आपराधिक मामला दर्ज कर लिया गया है।"
मतदान कराने में EVM की प्रभावकारिता पर जोर देते हुए सूर्यवंशी ने कहा कि, "EVM एक स्वतंत्र उपकरण है, जिसका EVM सिस्टम के बाहर की इकाइयों से कोई वायर्ड या वायरलेस संपर्क नहीं होता। किसी भी तरह की हेराफेरी की संभावना को खत्म करने के लिए उन्नत तकनीकी विशेषताएं और मजबूत प्रशासनिक सुरक्षा उपाय मौजूद हैं। सुरक्षा उपायों में उम्मीदवारों या उनके एजेंटों की मौजूदगी में सब कुछ करना शामिल है।"
डाक मतपत्र के माध्यम से मतों की गिनती के बारे में विवरण साझा करते हुए, रिटर्निंग ऑफिसर ने कहा, “ETPBS (इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित डाक मतपत्र प्रणाली) की गिनती भौतिक रूप (पेपर मतपत्र) में होती है, न कि इलेक्ट्रॉनिक रूप में, जैसा कि झूठी कहानियों के माध्यम से फैलाया जा रहा है। उन्होंने कहा, "ETPBS और EVM मतगणना तथा डाक मतपत्रों की गणना (ETPBS सहित) के लिए प्रत्येक टेबल पर प्रत्येक मतगणना शीट पर सभी मतगणना एजेंटों द्वारा उचित जांच के बाद हस्ताक्षर किए जाते हैं।"
निर्वाचन अधिकारी ने आगे कहा कि अखबार के खिलाफ “भारतीय मतदाताओं और निर्वाचन प्रणाली को बदनाम करने वाली अफवाहें फैलाने” के लिए कार्यवाही चल रही है। इससे पहले दिन में, शिवसेना नेता रवींद्र वायकर के रिश्तेदार मंगेश पंडिलकर के खिलाफ महाराष्ट्र के गोरेगांव में एक मतगणना केंद्र के अंदर कथित तौर पर मोबाइल फोन ले जाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। वनराई पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। चुनाव आयोग के एनकोर (पोल पोर्टल) ऑपरेटर दिनेश गुरव नामक मतदान कर्मी के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है।
मुंबई की वनराई पुलिस ने मंगेश पंडिलकर और दिनेश गुरव को दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) की धारा 41 ए के तहत नोटिस भेजा है। पुलिस ने बताया कि मोबाइल फोन को डेटा रिकवर करने के लिए फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) भेजा गया है और फोन पर मौजूद फिंगरप्रिंट भी लिए जा रहे हैं। वनराई पुलिस ने कहा कि, "हम नेस्को सेंटर के CCTV कैमरों की भी जांच कर रहे हैं, जिससे हमें यह पता लगाने में मदद मिल सकती है कि मोबाइल फोन सेंटर के अंदर कैसे पहुंचा और यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या इस मामले में और भी आरोपी शामिल हैं या यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि यह मोबाइल फोन किसने दिया।"
उल्लेखनीय है कि मुंबई उत्तर-पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र में रवींद्र वायकर ने 48 वोटों के मामूली अंतर से जीत हासिल की। इस निर्वाचन क्षेत्र में शिवसेना के दोनों गुटों - एकनाथ शिंदे के रवींद्र वायकर और उद्धव ठाकरे के अमोल कीर्तिकर के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली। इस निर्वाचन क्षेत्र में शिवसेना के दोनों गुटों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली - एकनाथ सिंदे की शिवसेना से रवींद्र वायकर और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) से अमोल कीर्तिकर। अंतिम परिणाम के बाद, वायकर को केवल 48 वोटों से विजेता घोषित किया गया।
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