CM केजरीवाल, ये कैसी समानता ? मौलानाओं को 17 हज़ार वेतन, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 3 माह से सैलरी नहीं ?

CM केजरीवाल, ये कैसी समानता ? मौलानाओं को 17 हज़ार वेतन, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 3 माह से सैलरी नहीं ?
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नई दिल्ली: दिल्ली में सीएम अरविंद केजरीवाल के घर से महज 1 किलोमीटर की दूरी पर आँगनवाड़ी कार्यकर्ता पिछले 17 दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रही हैं।  आरोप है कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से गुलामों की तरह काम कराया जाता है और तीन-तीन महीनों तक वेतन नहीं दिया जाता है। इन महिलाओं की माँग है कि उनका वेतन बढ़ाया जाए और पुराना बकाया भी जल्द क्लियर किया जाए। बता दें कि दिल्ली में इस वक़्त करीब 22 हजार आँगनवाड़ी महिलाएँ हैं।

आँगनवाड़ी कार्यकर्ता दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल और उनकी नीतियों का चुनावी राज्यों पंजाब व गोवा में भी विरोध कर रही हैं। महिलाओं का कहना है कि एक ओर अरविंद केजरीवाल महिला सशक्तीकरण की बात करते हैं और दूसरी ओर दिल्ली की महिलाएँ पिछले 17 दिनों से सड़क पर बैठकर अपना हक माँग रही हैं, जिसकी आवाज CM और उनकी सरकार के कानों तक नहीं पहुँच रही है। महिलाओं का कहना है कि केजरीवाल, पंजाब जाकर आँगनवाड़ी महिलाओं के बारे में झूठ बोल रहे हैं। 2017 के बाद से दिल्ली सरकार ने आँगनवाड़ी महिलाओं का एक भी पैसा अपने मन से नहीं बढ़ाया। इसके लिए भी उन्हें धरना देना पड़ा था, जिसके बाद उनका वेतन बढ़ा था। अभी, आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 9,678 रुपए और सहायिकाओं को 4,839 रुपए वेतन दिया जाता है। 

महिलाओं का कहना है कि जब भी सरकार को काम कराना होता है, तो आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को आगे कर दिया जाता है और वेतन बढ़ाने की माँग पर सरकार पीछे हट जाती है। अब जब तक उनकी सैलरी नहीं बढ़ाई जाती, यह प्रदर्शन यूँ ही जारी रहेगा। महिलाओं की माँग है कि आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का वेतन बढ़ाकर 25,000 हजार रुपए और सहायिकाओं का 20 हजार रुपए किया जाए। उनका कहना है कि अभी के वेतन में उन्हें घर-परिवार चलाने में बहुत समस्या हो रही है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि कोरोना काल में वे घर-घर जाकर लोगों को राशन दे रही थीं, प्राइमरी एजुकेशन दे रही हैं, किन्तु फिर भी आज उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि कोरोना काल में उनसे काफी काम करवाया गया। जिन घरों में मौतें हो रही थीं, वहाँ पर सर्वे के लिए भेजा गया, मगर उन्हें न तो मास्क दिया गया और न ही सेनेटाइजर दिया गया। इस दौरान उन्होंने डॉक्टरों की भी भूमिका निभाई।

 

दिल्ली से भाजपा सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने इस मुद्दे को लेकर केजरीवाल सरकार को घेरा है। उन्होंने एक वीडियो ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा है कि, 'दिल्ली में मौलवियों को हर महीने 15,000 की तनख्वाह देने के लिए केजरीवाल के पास बजट भी है, मगर पूरे कोरोना काल में आँगनवाड़ी की माताएँ-बहनें जनता को बचाने हेतु कोरोना टीकाकरण में दिन-रात लगी रहीं, लेकिन इनकी सुनने के लिए केजरीवाल के पास ना वक्त है ना बजट है।'

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