31 अगस्त 2022 गणेश चतुर्थी से शुरू हुए गणपति उत्सव का 9 सितंबर 2022 अनंत चतुर्दशी पर समापन हो जाएगा। आपको बता दें कि अनंत चतुर्दशी पर शुभ मुहूर्त बप्पा का विसर्जन किया जाता है और उसके बाद उनसे अगले बरस जल्द आने की कामना करते हैं। जी दरअसल गणपति की विशाल मूर्तियां नदी, तालाब में विसर्जित की जाती हैं। इसी के साथ आजकल घरों में भी लोग बप्पा का विसर्जन करते हैं। हालाँकि गणेश विसर्जन में जानें-अनजानें व्यक्ति ऐसी गलतियां कर बैठता है जिससे पूजा का फल नहीं मिलता। आज हम आपको उन्ही के बारे में बताने जा रहे हैं।
अनंत चतुर्दशी 2022 विसर्जन सामग्री- गणपति की अंतिम पूजा में जो भी सामग्री जैसे पान, सुपारी, पान, मोदक, दूर्वा, नारियल उन्हें अर्पित किया है उसे भी प्रतिमा के साथ विसर्जित करें। वहीं कई उन्हें अर्पित किया नारियल फोड़ देते हैं हालाँकि शास्त्रों के अनुसार ऐसा करना अनुचित है। जी दरअसल मान्यता है कि 10 दिन तक गणपति पूजा में रखा ये नारियल घर की नकारात्मक शक्तियों को अपने में समाहित कर लेता है। ऐसे में इसे विसर्जित करना चाहिए।
अनंत चतुर्दशी 2022 निषेध रंग- गणेश विसर्जन से पहले बप्पा की विधि वत पूजा करें। उसके बाद उन्हें धूप, दीप, फूल, दूर्वा, नैवेद्य अर्पित करें। अब नदी, तालाब के तट पर विसर्जन से पूर्व उनकी पुन: आरती करें। अब 10 दिनों में भूल चूक के लिए माफी मांगे। विसर्जन शुभ मुहूर्त में करें और पूजा पाठ में काले रंग के कपड़े अशुभ माने जाते हैं, इसलिए विसर्जन के समय काले रंग का इस्तेमाल न करें।
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