अमरावती: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने अमरावती ड्रोन शिखर सम्मेलन 2024 में राज्य के लिए ड्रोन प्रौद्योगिकी के उपयोग पर अपनी दूरदर्शी योजना पेश की। उन्होंने नवोन्मेषकों, ड्रोन निर्माताओं और विशेषज्ञों को संबोधित करते हुए बताया कि यह तकनीक राज्य के विकास को गति देगी और आंध्र प्रदेश को टेक्नोलॉजी-संचालित विकास में सबसे आगे रखेगी।
मुख्यमंत्री नायडू ने 1990 के दशक में अपनी आईटी क्रांति के प्रयासों का जिक्र किया, जब उन्होंने 1995 में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत हाईटेक सिटी को लॉन्च किया, जिससे हैदराबाद एक तकनीकी केंद्र बन गया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में भारत 2047 तक दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है।
उन्होंने आंध्र प्रदेश द्वारा तकनीक के तेज़ी से अपनाने पर भी जोर दिया, जैसे कि हाल ही में विजयवाड़ा बाढ़ के दौरान ड्रोन का उपयोग राहत सामग्री पहुंचाने के लिए किया गया था। नायडू ने कहा कि ड्रोन शहरों में ट्रैफिक प्रबंधन, कृषि सुधार और स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी बदलाव ला सकते हैं। उन्होंने आंध्र प्रदेश को ड्रोन तकनीक का वैश्विक केंद्र बनाने की योजना का भी खुलासा किया, जिसमें कुरनूल जिले में 300 एकड़ भूमि ड्रोन हब के विकास के लिए आवंटित की जाएगी।
नायडू ने 35,000 ड्रोन पायलटों को प्रशिक्षित करने और ड्रोन निर्माताओं व इनोवेटर्स के लिए व्यवसाय-अनुकूल वातावरण तैयार करने की भी घोषणा की। इसके अलावा, उन्होंने आंध्र प्रदेश को पायलट परीक्षण क्षेत्र के रूप में इस्तेमाल करने के लिए सभी हितधारकों को आमंत्रित किया, ताकि सफल परीक्षणों के बाद इस तकनीक को पूरे राज्य और देश में लागू किया जा सके।
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