कोरोना वायरस का नया आंकड़ा हिलाकर रख देने वाला है. वायरस ने कई राज्यों को अपना शिकार बना लिया है. वही, आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अमजद बाशा पर दिल्ली में निजामुद्दीन के मरकज में शामिल होने के आरोपों पर उन्होंने सफाई दी है. उनका कहना है कि वह मुसलमानों के लिए 4 फीसद आरक्षण के मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के सिलसिले में 2 मार्च को दिल्ली गए थे. वह मरकज में शामिल नहीं हुए थे. मीडिया में ये जो खबरें आ रही है कि वह मरकज में धार्मिक कार्यक्रम के लिए गए थे, वे असत्य है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि निजामुद्दीन में हुए तब्लीगी जमात के सम्मेलन में कई राज्यों के लोगों के शामिल होने की बात सामने आई है. आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अमजद बाशा भी पिछले महीने दिल्ली आए थे. ऐसे में ये आशंका जताई जा रही थी कि क्या वह भी तो इस कार्यक्रम शामिल नहीं हुए थे. हालांकि, अब उन्होंने खुद इस मामले में सफाई देते हुए कहा है कि वह ऐसे किसी सम्मेलन में शामिल नहीं हुए थे.
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अगर आपको नही पता तो बता दे कि दिल्ली में तब्लीगी जमात का सम्मेलन 13 से 15 मार्च, 2020 के बीच हुआ था. सरकारी सूत्रों के मुताबिक इसमें 2000 लोग शामिल हुए थे, जिसमें 700-800 विदेशी थे. यह भी जांच की जा रही है कि विदेशी नागरिक किस तरह का वीजा ले कर इसमें शामिल हुए थे. अभी तक गृह मंत्रालय ने कभी इसकी छानबीन नहीं की, लेकिन माना जा रहा है कि ये सभी टूरिस्ट वीजा पर आते रहे हैं, जबकि असलियत में इन्हें कांफ्रेंस वीजा लेना चाहिए. अभी गृह मंत्रालय इसकी जांच कर रहा है और जो भी वीजा नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया जाएगा, उनको हमेशा के लिए ब्लैक लिस्ट करने का विकल्प भी सरकार आजमाने से नहीं हिचकेगी.
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