अमरावती : आंध्र प्रदेश को देश के अन्य प्रदेशों के मुकाबले ज्यादा चुनावी व्यय वाला राज्या माना जा रहा है। आंध्र प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी गोपालकृष्ण द्विवेदी ने जानकारी देते हुए बताया है कि केंद्रीय चुनाव आयोग आंध्र प्रदेश को एक्सपेंडिचर सेन्सिटिव स्टेट (अधिक खर्चिला व संवेदनशील राज्य) घोषित करने के साथ ही प्रदेश के लिए सर्वाधिक चुनावी पर्यवेक्षकों को भेज रहा है।
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ज्यादा चुनावी खर्च की वजहों में मुख्य रूप से शराब, गिफ्ट्स के वितरण के साथ मीडिया में पेड आर्टिकल्स बताए जा रहे हैं और इनको लेकर जिला स्तरीय अधिकारियों को अलर्ट रहने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। संवेदनशील प्रदेशों में चुनाव होने को देखते हुए पेड आर्टिकल्स का पता लगाने के लिए मीडिया सर्टिफिकेशन मॉनिटरिंग कमेटी (एमसीएमसी) को अलर्ट रहना होगा और इसके लिए जिलास्तर पर सशक्त मॉनिटरिंग कमेटियों का गठन किया जाएगा।
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एमएलसी चुनाव को लेकर प्रदेश के सात जिलों में आचार संहिता को समय से पहले लागू होने का हवाला देते हुए मुख्य चुनाव अधिकारी गोपालकृष्ण द्विवेदी ने अभी तक एमसीएमसी का पूर्ण गठन नहीं होने को लेकर असंतोष जाहिर किया है। शनिवार को सचिवालय में 13 जिलों के एमसीएमसी नोड़ल अफसरों व मीडिया प्रतिनिधियों की उपस्थिति में वर्कशॉप में भाग लेते हुए मुख्य चुनाव अधिकारी ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में पेड आर्टिकल्स और सोशल मीडिया अहम् मुद्दे होंगे।
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