आंध्र में तिरुपति बालाजी के मंदिर को एक धर्मपरायण मंदिर माना जाता है और यह एक ही दिन में बड़े पैमाने पर भक्तों को देखता है. मंदिर में रोजाना दर्शन करने वालों की संख्या अब 15 हजार पहुंच गई है. रविवार, 6 सितंबर को लॉकडाउन हटाए जाने के बाद पहली बार एक करोड़ के डोनेशन की गणना भी की गई. अब तक दान का औसत एक दिन में 50 से 60 लाख के बीच था, लेकिन 28 अगस्त के बाद से आगंतुकों की संख्या और दान की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. हालांकि, यह राशि अभी भी कोरोना काल से पहले आने वाले दान के आधे से भी कम है, लेकिन मंदिर न्यास इन कठिन समय में भी मंदिर के प्रति लोगों की आस्था को देखकर काफी उत्साहित है.
ट्रस्ट को उम्मीद है कि इस साल के अंत तक स्थितियां काफी सुधर जाएंगी और मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ जाएगी. कोरोना शुरू होने के कारण 20 मार्च को मंदिर आम जनता के लिए बंद कर दिया गया था. लगभग 80 दिनों के बाद 11 जून को फिर से श्रद्धालुओं के लिए दर्शन शुरू किए गए. हालांकि मंदिर 8 जून को ही खोला गया था, लेकिन पहले तीन दिन केवल मंदिर के कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए ही अनुमति दी गई थी. 11 जून से जैसे ही दर्शन खुले, एक दिन में करीब 43 लाख रुपये का दान आया क्योंकि उस दिन 6 हजार लोग मंदिर में दर्शन करने आए थे.
लॉकडाउन हटाए जाने के बाद 11 जून से कोरोना के मामले आने शुरू हो गए थे, क्योंकि मंदिर खुल गया था, इस पर बहस भी छिड़ गई थी कि मंदिर खोलना जरूरी है या नहीं . मंदिर खुलते ही ट्रस्ट के कर्मचारियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने लगी. जून में करीब 80 कामगार संक्रमित हुए थे, जिनकी संख्या अगस्त तक बढ़कर लगभग 750 हो गई .
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