दुनियाभर के स्मार्टफोन्स के लिए एक नया खतरा सामने आ रहा है। सिक्यॉरिटी कंपनी Kryptowire के अनुसार ऐंड्रॉयड स्मार्टफोन्स को 146 मैलवेयर (वायरस वाले) ऐप्स से खतरा हो सकता है। इसमें सबसे चिंता की बात यह है कि ये सभी ऐप्स ऐंड्रॉयड स्मार्टफोन्स में प्री-इंस्टॉलड (पहले से मौजूद) रहते हैं। इसका सीधा मतलब यह हुआ कि इन ऐप्स से बचना आसान नहीं है। इनसे बचने के लिए केवल एक ही तरीका है कि इन मलीशस ऐप्स द्वारा टारगेट किए गए स्मार्टफोन ब्रैंड्स के डिवाइस को न खरीदा जाए। क्रिप्टोवायर ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि ये 146 मलीशस ऐप 29 स्मार्टफोन कंपनियों के डिवाइसेज में मौजूद हैं। इनमें सैमसंग, शाओमी और सोनी जैसे पॉप्युलर स्मार्टफोन कंपनियां भी मौजूद हैं।
हो सकता है नुकसान - ये ऐप डिवाइस को नुकसान पहुंचाने के साथ ही उपभोक्ता के पर्सनल डेटा को भी ऐक्सेस कर सकते हैं। इतना ही नहीं ये मलीशस ऐप यूजर के स्मार्टफोन में ऑडियो रिकॉर्ड करने के साथ ही डिवाइस के सेटिंग और ऐप्स को दी गई परमिशन को भी बदल सकते हैं। उपभोक्ता को इस बात की भनक भी नहीं लगती कि उनके डिवाइस में ये मलीशस ऐप क्या कुछ कर रहे हैं।
क्या है बचने का तरीका - क्रिप्टोवायर के सीईओ ऐंजलस स्टैवरो ने कहा कि इन मलीशस ऐप्स से बचने में गूगल अहम भूमिका निभा सकता है। उनका मानना है कि गूगल को इन ऐप्स के कोड ऐनालिसिस प्रक्रिया पर और ध्यान देना पड़ सकता है। स्टैवरो आगे कहते हैं, 'सस्ते डिवाइस बनाने की होड़ में सॉफ्टवेयर की क्वॉलिटी को गिराया जा रहा है और यह सीधे तौर पर एंड उपभोक्ता को नुकसान पहुंचा रहा है।'
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