मैड्रिड: आज के समय में बीमारी हो या कोई आपदा दोनों ही मानव जीवन पर संकट बन ही जाती है. जिसमे से एक है कोरोना वायरस यह एक ऐसी बीमारी है, जिसका अभी तक कोई तोड़ नहीं मिल पाया है. वहीं दुनियाभर में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या दस लाख को पार कर गई है. समाचार एजेंसी के मुताबिक, अब तक इस वायरस से दुनियाभर में 64,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. स्पेन में एक ही दिन में इस वायरस से 809 लोगों की मौत हो गई. इसके साथ ही स्पेन में मृतकों की संख्या 11,744 पर पहुंच गई. कोरोना से मौतों के मामले में स्पेन नंबर वन पर है जबकि इटली दूसरे स्थान पर... अमेरिका अब पूरी दुनिया में महामारी के नए केंद्र के तौर पर उभरा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेताया है कि आने वाले दिनों हालात और भयावह होंगे.
जापान ने WHO पर उठाए सवाल: मिली जानकारी के अनुसार जापान ने चीन को लेकर ( WHO) के नजरिये पर सवालिया निशाना खड़ा किया है. उप प्रधानमंत्री तारो असो ने कहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का नाम बदलकर चीनी स्वास्थ्य संगठन होना चाहिए. बता दें कि संक्रमण को रोकने के बारे में तत्काल कार्रवाई नहीं करने पर WHO विभिन्न देशों के निशाने पर है. उसकी बेरुखी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 23 जनवरी को उसने वायरस के संक्रमण को एक वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने से मना कर दिया था, जबकि संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे थे.
WHO को चीनी स्वास्थ्य संगठन कहा जाए: जापानी सांसदों से बात करते हुए आसो ने WHO के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम ग्रेब्रियेसस को हटाने के संदर्भ में एक ऑनलाइन याचिका चेंजडॉटओआरजी का हवाला दिया. आसो ने कहा कि WHO के पूर्व प्रमुख एक चीनी नागरिक थे और उस समय भी विभिन्न देशों ने शिकायतें की थीं. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन याचिका को अब तक तीन लाख लोगों का समर्थन मिल चुका है और उम्मीद है कि पांच लाख लोग इसे अपना समर्थन प्रदान करेंगे. उन्होंने कहा कि आम लोगों को लगता है कि WHO को अपना नाम बदल लेना चाहिए. इसे WHO नहीं बल्कि चीनी स्वास्थ्य संगठन कहा जाना चाहिए.
इस दवा में है कोरोना की वृद्धि रोकने की ताकत
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