अहमदाबाद: गुजरात में नई सरकार में विभागों के आवंटन के बाद से नाराज चल रहे उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने आखिर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि अब यह उनके आत्म सम्मान का मुद्दा है. उन्होंने यह बात एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही .
उल्लेखनीय है कि लालजी पटेल ने समर्थन देने की घोषणा के साथ ही एक जनवरी को मेहसाणा में बंद की घोषणा और पटेल को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग ने गुजरात की राजनीति में उबाल ला दिया है. प्रेस से मुखातिब हुए नितिन पटेल ने कहा कि ‘‘मैंने पार्टी हाईकमान को अपनी भावनाओं से अवगत करा दिया है और मुझे उम्मीद है कि वे मेरी भावनाओं पर उचित प्रतिक्रिया देंगे’’ उपमुख्यमंत्री ने कहा यह कुछ विभागों की बात नहीं है, यह आत्मसम्मान की बात है.
आपको बता दें कि पिछली सरकार में पटेल के पास वित्त और शहरी विकास जैसे महत्वपूर्ण विभाग थे. लेकिन इस बार उन्हें सड़क एवं भवन , स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा, नर्मदा, कल्पसार और राजधानी परियोजना का प्रभार जैसे विभाग आवंटित किये गये हैं. इस बार वित्त विभाग सौरभ पटेल को आवंटित किया गया है, जबकि गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने शहरी विकास विभाग खुद के पास ही रखा है.इसीलिए नाराज उपमुख्यमंत्री ने अब तक इन विभागों का प्रभार नहीं संभाला है.
जबकि दूसरी ओर हार्दिक पटेल ने नितिन पटेल के समर्थन में कहा कि नितिन भाई पटेल ने भाजपा को सत्ता में रखने के लिए 27 साल तक कड़ी मेहनत की है. समुदाय के सदस्यों को यह समझने की जरूरत है कि ऐसे नेताओं को हाशिए पर रखा जा रहा है.दरअसल ऐसा बयान देकर हार्दिक पाटीदारों की भावनाओं को उकसाना चाहते हैं. उनके नितिन पटेल को दस विधायकों के साथ पार्टी छोड़ने पर कांग्रेस के सहयोग से उनका वाजिब पद दिलाने की बात ने भाजपा आलाकमान के भी कान खड़े कर दिए हैं.
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