मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को ईडी की ओर से कथित धनशोधन मामले में तलब किया गया है लेकिन अनिल देशमुख ने प्रवर्तन निदेशालय के सामने हाजिर रहने में असमर्थता जताई है. उन्होंने इस सिलसिले में ईडी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने अपने उपस्थित न होने का कारण बताया है. अपने पत्र में उन्होंने लिखा है, ''वो 72 वर्ष के हैं और बहुत सारी बीमारियों से ग्रसित हैं, ऐसे में उन्हें आने-जाने में दिक्कत होगी, अगर ED चाहे तो ऑडियो या वीडियो के माध्यम से बयान दर्ज करा सकती है।'' आप सभी को बता दें कि इस पर अब तक ईडी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
आप सभी को हम यह भी जानकारी दे दें कि ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए दूसरी बार अनिल देशमुख को हाजिर होने के लिए कहा था। इसके पहले एक बार बीते शनिवार को अनिल देशमुख को ED ने पेश होने के लिए समन भेजा था. आप जानते ही होंगे कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के कथित उगाही के आरोपों के बाद सवालों के घेरे में आए महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को गृहमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था, वो लगातार सवालों के घेरे में हैं।
ऐसे में बीते शुक्रवार को अनिल देशमुख के मुंबई के चार ठिकानों और नागपुर के एक ठिकाने पर ईडी ने सर्च ऑपरेशन चलाया था. इसी बीच जांच में यह पाया गया कि मुंबई के करीब 10 बार मालिकों ने उनको तीन महीने के लिए 4 करोड़ रुपए की मोटी रकम का भुगतान किया था। केवल इतना ही नहीं बल्कि प्रवर्तन निदेशालय ने शनिवार को देशमुख के निजी सचिव संजीव पलांडे और निजी सहायक कुंदन शिंदे को गिरफ्तार भी किया था।
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