भोपाल: मध्यप्रदेश में अब तक अंडे और चिकन के इस्तेमाल पर रोक नहीं लगाई गई है। जी दरअसल पशुपालन विभाग का कहना है कि, 'आप इनका इस्तेमाल करें, लेकिन अच्छी तरह से पका लें, ताकि आपको किसी भी तरह का खतरा न हो।' अब इसी बीच प्रदेश में चिकन का कारोबार जबरदस्त तरीके से प्रभावित हुआ है। जी दरअसल बर्ड फ्लू आ जाने की वजह से कारोबार में 30 फ़ीसदी की गिरावट हुई दर्ज हुई है। बताया जा रहा है पोल्ट्री फॉर्म एसोसिएशन ने हाल ही में इस बात का खुलासा किया है। पोल्ट्री फॉर्म एसोसिएशन ने बताया है कि, 'बर्ड फ्लू की खबरों के बाद कारोबार बहुत कम हो गया है।'
जी दरअसल भोपाल और उसके आसपास के इलाकों में 400 से ज्यादा है पोल्ट्री फॉर्म हैं और वहां से ही बड़े पैमाने पर कारोबार होता है। अब सामने आने वाली जानकारी में यह कहा जा रहा है कि अकेले भोपाल में ही हर दिन 10 से 12 टन चिकन की खपत होती है। वैसे यह भी खबर है कि पशुपालन संचालक आरके रोक ने भी पोल्ट्री फॉर्म एसोसिएशन के साथ बैठक कर जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए।
यहाँ फ्लू को नियंत्रित करने के लिए पशुपालन विभाग ने पोल्ट्री फॉर्म में नियमित रूप से सैनिटाइजेशन और संक्रमण रोधी दवा के छिड़काव करने के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं। वैसे आप जानते ही होंगे इस समय मध्य प्रदेश में बर्ड फ्लू का खतरा अब बढ़ने लगा है और इंदौर और नीमच में मुर्गा मुर्गियों में बर्ड फ्लू होने की आशंका है। जी दरअसल इंदौर नीमच में चिकन शॉप से सैंपल लिए गए थे और उन दुकानों के चाकू और कटर के सैंपल में बर्ड फ्लू होने की पुष्टि हुई है। अब विभाग का यह मानना है कि यह मुर्गा मुर्गियों में बर्ड फ्लू का संक्रमण है। लेकिन इसकी जांच की जा रही है।
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